वैसे तो कैंसर महिला और पुरुष दोनों में ही देखने को मिलता है। लेकिन कई तरह के कैंसर सिर्फ पुरुषों में ही होते हैं। भारत में इस मामले में स्थिति चिंताजनक है। जागरूकता की कमी से कई बार यह जानलेवा भी बन जाता है। यहां हम बात करेंगे तीन प्रकार के ऐसे कैंसर की जो सिर्फ पुरुषों में ही पाए जाते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर
प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पुरुषों में ही होता है, जो उनकी प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है। प्रोस्टेट का मुख्य काम वीर्य की रक्षा करना और उसके लिए एंजाइम, प्रोटीन व मिनरल तैयार करना है। सामान्य तौर पर प्रॉस्टेट ग्रंथि का वजन 18 ग्राम होता है, पर जब इसका वजन 30 से 50 ग्राम हो जाए तो इस ग्रंथि में प्रॉस्टेट कैंसर विकसित होने लगता है। प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है और इसका पता जब लगता है तब तक यह पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है। ऐसे में इस कैंसर के प्रति विशेष तौर पर सचेत रहने की जरूरत है। एक मोटा अनुमान है कि 80 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते करीब 80 फीसदी पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर कोशिकाएं होती हैं। बीआरसीए 1 (BRCA1) और बीआरसीए 2 (BRCA2) जीन में गड़बड़ी के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस कैंसर में नियमित शारीर को एक्टिव रखने, हाई-कैलोरी खाद्य और पेय पदार्थों का सेवन कम करने के साथ पर्याप्त मात्रा में प्रतिदिन फल और सब्जियों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही कैल्शियम से भरपूर पदार्थों का सेवन कम करने, शराब या अल्कोहल का सेवन न करने की भी सलाह दी जाती है।
लक्षण
पेशाब करते समय दर्द, तेज चुभन का अहसास होना। वीर्य में खून आने की समस्या। पेशाब करने के बाद भी ऐसा महसूस होना जैसे पेशाब पूरी तरह से नहीं किया गया। पीठ में बिना कारण दर्द रहना भी इसका एक लक्षण है। शरीर का कोई हिस्सा काला या सांवला पड़ना भी इसका लक्षण है।
पेनाइल कैंसर
जब पेनाइल या पेनिस (लिंग) में मौजूद सामान्य रूप से स्वस्थ कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बनता तो यह पेनाइल कैंसर कहलाता है। पुरुषों में होने वाला यह एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। उम्र बढने के साथ साथ इसका खतरा और बढ़ जाता है। यह पुरुष गुप्तांग की त्वचा और ऊतकों को प्रभावित करता है। यह कैंसर शरीर के अन्य भागों में भी फेल सकता है। पेनिस कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें पेनिस के ऊतकों में घातक (कैंसर) कोशिकाएं बनती हैं। पेनिस कैंसर आमतौर पर पेनिस के आगे की त्वचा पर पाया जाता है लेकिन यह पीछे की तरफ भी हो सकता है। शारीरिक तरल पदार्थ के पेनिस में रह जाने से भी कैंसर हो सकता है। पुरुषों में धूम्रपान की आदत भी पेनिस कैंसर की एक प्रमुख वजह है।
लक्षण
पेनिस में गांठ हो सकती है जो पेनिस के ऊपर या फिर अंदर भी हो सकती है। लिंग में खुजली, जलन, दर्द, लिंग की लिम्फ नोड्स में सूजन,
फोरस्किन के नीचे गंध युक्त पदार्थ का बहाव होना, लिंग से खून बहना इसके लक्षण हैं।
वृषण (अंडकोष) कैंसर
वृषण या फिर अंडकोष कैंसर पुरुषों में पाए जाने वाला एक गंभीर कैंसर है। समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इलाज की संभव है। अंडकोष पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का एक अंग है जो वीर्य और टेस्टोस्टेरोन यानी पुरुषों में सेक्स हारमोन बनाता है। ये अंडकोष स्क्रोटम नाम की त्वचा की ढीली थैली के अंदर होते हैं जो लिंग के पीछे के हिस्से में लटकते रहते हैं। अंडकोष की गांठ और सूजन के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में ये अंडकोष के कैंसर के संकेत भी हो सकते हैं। हालांकि ज्यादातर गांठें कैंसर रहित होती हैं। पर फिर भी इसको लेकर सचेत रहने की आवश्यकता है।
लक्षण
अंडकोष का सिकुड़ना या सूजन, अंडकोष की थैली का बढना या अंडकोष में भारीपन, वृषण में दर्द होना इसके प्रमुख लक्षण है। उल्टी आना, पेट में दर्द, कम दर्जे का बुखार, बार-बार पेशाब जाने के जरूरत भी इसके लक्षण हैं।