अब कोरोना से 7 गुना ज्यादा Disease X का खतरा, 5 करोड़ लोग हो सकते हैं शिकार

Disease X: दुनिया अभी कोरोना महामारी के दर्द से उबर भी नहीं पाई है। पोस्ट Covid लक्षणों से करोड़ों लोग परेशान हैं। लाखों लोग Corona के चलते अकाल मौत का शिकार हो गए। अब इन सबके बीच एक और संभावित बीमारी के खतरे ने दुनिया को डरा दिया है।

ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स के चीफ डेम केट बिंघम की माने तो यह संभावित अगली महामारी 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है। यदि ऐसा हुआ तो यह एक भयंकर स्वास्थ्य जोखिम होगा। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि बेशक हर किसी में इस रोग का खतरा होगा ही, ऐसा कतई नहीं है, पर निश्चित ही इससे वैश्विक स्तर पर बड़ी आबादी प्रभावित होगी। उधर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने इस एंटीसिपेटेड महामारी को Disease X नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक Disease X इबोला, कोविड, जीका जैसी बीमारियों की तरह खतरनाक बीमारी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने बीमारी रोकने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। खतरा इतना ज्यादा रह सकता है कि यदि Daily Mail की रिपोर्ट की मानें तो यह महामारी कोविड-19 से 7 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। कोविड की तुलना में काफी तेजी से फैल सकती है। काफी तेजी से इसके दुष्परिणाम सामने आएंगे।

गौर करने वाली बात यह है कि यह महामारी मौजूदा वायरस की वजह से ही फैलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि वायरस तेजी से म्यूटेट हो रहे हैं। विशेषज्ञों की भाषा में समझें तो म्यूटेशन का अर्थ है किसी जीव के जेनेटिक मटेरियल में बदलाव आना। जब कोई वायरस खुद की लाखों कॉपी बनाता है और एक इंसान से दूसरे इंसान तक या जानवर से इंसान में जाता है तो हर कॉपी अलग होती है। कॉपी में यह अंतर बढ़ता जाता है। जिसको आसानी से पकड़कर इसका इलाज करना संभव नहीं होता है। क्योंकि थोड़े थोड़े समय बाद इसका एक नया स्ट्रेन सामने आने लगता है। हालंाकि यह एक समान्य प्रक्रिया है जैसे सीजनल इन्फ्लूएंजा तो हर साल नए रूप में सामने आता है। लेकिन यदि म्यूटेशन किसी खतरनाक रूप में होता है तो वह महामारी का रूप ले सकता है।

खतरे के बीच अलर्ट जारी
इस बीच यूके और यूएस सहित कई देशों में नए वैरिएंट्स को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी किया है। इन वैरिएंट्स की संक्रामिकता दर अधिक होने, अतिरिक्त म्यूटेशंस के कारण उन लोगों में भी संक्रमण का जोखिम बना हुआ है जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है या फिर जो पहले के संक्रमण के बाद शरीर में रोग प्रतिरक्षा विकसित कर चुके हैं। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। हालांकि भारतीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं।

डिजीज एक्स क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वास्तव में डिजीज एक्स कोई बीमारी ना होकर, एक शब्द मात्र है। जिसे नई महामारी के लिए प्रमुख जोखिम कारक माना जा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने पहली बार साल 2018 में इस टर्म का उपयोग किया था। डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि डिजीज एक्स का उपयोग उस बीमारी को संदर्भित करने के लिए किया जा रहा है जो मानव में संक्रमण विकसित करती है। हालांकि अगली महामारी के लिए कौन सी बीमारी कारक है फिलहाल चिकित्सा अनुसंधानों में यह स्पष्ट नहीं है। इस पर शोध जारी हैं।

डिजीज एक्स पर निगरानी बढाई गई
विशेषज्ञों के मुताबिक हम करीब 25 तरह के वायरस और उनकी फैमिली की निगरानी कर रहे हैं, जिससे यह समझा जा सके कि आने वाले दिनों में किस वायरस या रोगजनक के कारण महामारी जैसे हालात बन सकते हैं। पिछले दिनों जानवरों से इंसानों में संक्रमण होने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इस तरह के रोगों को लेकर भी गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।

क्या करें?
इस संभावित बीमारी के खतरे से निपटने का इस वक्त एकमात्र रास्ता है कि लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहें। जिससे आने वाली संभावित बीमारी से लड़ा जा सके। इसके अलावा समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूत रखने की जरूरत है। यही एक तरीका है जो संक्रामक रोगों और इसके कारण होने वाले जोखिमों से बचाने में मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने इसका मुकाबला करने के लिए वैक्सीन बनाने पर काम शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक जानवरों में मौजूद कई वायरस प्रजातियों को समझने के लिए दिन रात काम में जुटे हैं। ताकि इसके विनाशकारी परिणामों को रोका जा सके।

 

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