विटामिन बी-6 की कमी शरीर के लिए घातक, तुरंत पहचाने यह 7 लक्षण

विटामिन हमारे शरीर के संचालन का महत्वपूर्ण घटक हैं. जिस प्रकार से एक रिमोट कंट्रोल के संचालन के लिए बेट्री की आवयकता होती है ठीक उसी प्रकार से हमारे शरीर के संचालन के लिए विटामिन बेहद आवश्यक हैं. बी-6 भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण
विटामिन है. इसे पाइरिडोक्सिन (Pyridoxine) के नाम से भी जाना जाता है जो बी कॉम्प्लेक्स विटामिन समूह के 8 विटामिनों में से एक है. विटामिन बी 6 आपके शरीर में सेरोटोनिन और नोरएपिनेफ्रीन (Norepinephrine) नामक हार्मोन को बनाने में भी मदद करता है. यह दोनों हार्मोन आपके मूड को अच्छा रखने, भूख बढाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने, अच्छी त्वचा, ऊर्जा और एकाग्रता को बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है. कुछ शोध यह भी बताते हैं कि सेरोटोनिन के स्तर में कमी से बच्चों को एडीएचडी (ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार) हो सकता है.

विटामिन बी-6 की कमी के संकेत

1. शरीर में कमज़ोरी और थकान, आलस का बना रहना.

2. काले और फटे होंठ विटामिन बी-6 की कमी का एक प्रमुख संकेत है. इसकी कमी से होंठों पर सुखापन आ जाता है. इसके पीछे अक्सर लोग पानी की कमी को वजह मानकर नजरंदाज कर लापरवाही करते हैं.

3. एनिमिया विटामिन बी-6 की कमी का एक प्रमुख संकेत है. बी-6 की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं बहुत कम हो जाती हैं. आयरन की कमी शरीर में आ जाती है. जिससे आप काफी कमजोरी महसूस करते हैं.

4. त्वचा का रूखापन, खुजलीदार दाने विटामिन बी-6 की कमी का संकेत हैं. इसे सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस कहा जाता है.

5. इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का एक प्रमुख कारण विटामिन बी-6 है. इसकी कमी का सीधा असर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है. नतीजन संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

6. हाथ पैरों का सुन्न होना और उंगलियों में अचानक अकड़न आना विटामिन बी-6 की कमी का कारण है. ये एक तंत्रिका विकार होता है, जिसे परिधीय न्यूरोपैथी भी कहा जाता है. बी-6 की कमी इसे बढ़ावा देती है.

7. एकाग्रता की कमी और मूड ऑफ रहना विटामिन बी-6 की कमी का संकेत है. यह मस्तिष्क के निर्माण और उसके कार्यों में सहायक है. बी-6 की कमी से भूलने, कमजोर याददाश्त, मनोभ्रंश जैसी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है. इसकी कमी से केंद्रिय तंत्रिका तंत्र पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है.

विटामिन बी-6 के स्त्रोत
दूध, पिस्ता, काबुली चना, सोयाबीन, गाजर, केला, मटर, पालक, शकरकंद, एवोकाडो, ब्रोकली, शिमला मिर्च, शलजम, तिल के बीज, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, मछली, अंडे, चिकन इत्यादी.

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