जानें क्या है गुड ओरल हेल्थ का साइंस? लापरवाही बन सकती है बड़ी समस्याओं की वजह

हम सभी इस बात को अच्छे से जानते और समझते हैं कि चेहरा दिल का आईना होता है। जब भी दूसरों से बातचीत के लिए हम मुंह का इस्तेमाल करते हैं तो सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि वह एकदम साफ-सुथरा हो। कोई शिकायत नहीं करे कि उससे बदबू आ रही है और दांत भी आपके जगमगाते हुए से दिखें। यानी सुंदर दिखने और स्वस्थ रहने के लिए मुंह की साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी है।

गुड ओरल हेल्थ की बात करें तो वास्तव में इसके कुछ लक्षण होते हैं, जिन्हें आप कुछ बातों को ध्यान में रखकर समझ सकते हैं। यदि ये लक्षण आपको खुद में दिखाई दें तो समझ लें कि आपकी ओरल हेल्थ बेस्ट है।

गुड ओरल हेल्थ इंडिकेटर
– ब्रशिंग और फ्लॉसिंग के दौरान मसूड़ों से खून ना निकले
– मसूड़ों का गुलाबी रंग
– मुंह से बदबू ना आए
– दांत साफ और बेहतर दिखें
– दांत सेंसेटिव ना हों, ठंडा-गर्म से परेशानी ना हो
– जीभ गुलाबी, साफ और नमीदार दिखे
– चबाने पर आपके दांतों में दर्द नहीं हो
– मसूड़ों में किसी तरह का कोई दर्द ना हो

यह ज्यादा तकलीफदेह

कैविटीज : इसे टूथ डिकेय या कैरीस के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में दांतों को हमेशा के लिए नुकसान पहुंच सकता है या उनमें छेद हो सकते हैं। यह लोगों में होने वाली आम समस्या है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया, फूड और एसिड दातों में प्लाक के रूप में लेयर तैयार करते हैं। इससे दांतों पर मौजूद एसिड इनैमल और कनेक्टिव टिश्यूज को खत्म करता है। इससे दांतों को काफी स्थाई नुकसान पहुंचता है।

गम डिजीज : इस समस्या को जिंजिवाइटिस भी कहा जाता है। यह मसूड़ों में होने वाले दर्द और इन्फ्लेमेशन के कारण होता है। दांतों को अच्छी तरह से साफ नहीं करते तो उनमे प्लाक जमा होता है। इसकी वजह से जिंजिवाइटिस की समस्या हो सकती है। इसके कारण मसूड़ों में सूजन और रक्तस्त्राव की समस्या सामने आती है। पीरियोडोंटाइटिस : इसमें मसूड़ों में होने वाला इन्फेक्शन जबड़े और हड्डियों तक पहुंच जाता है। इसकी वजह से पूरे शरीर में सूजन और दर्द की समस्या आम होने लगती है।

टूटे और मुड़े हुए दांत : यह समस्या मुंह में हुए घाव, कड़े पदार्थों को चबाने से होती है। दांतों में दरार पडऩे से तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।

सेंसेटिव टीथ : यदि आपके दांतों में सेंसेटिविटी की समस्या है तो बहुत ठंडा या गर्म खाना खाने पर दर्द और असहजता महसूस होती है। टूथ सेंसटिविटी को डेंटिन हायपरसेंसटिविटी भी कहा जाता है। यह रूट कैनाल या टूथ फिलिंग के दौरान कुछ समय के लिए तकलीफ देती है। इसके अलावा टूथ सेंसटिविटी मसूड़ों की समस्या, टूटे और दरार पड़े दांतों की वजह से, मसूड़ों की डेनसिटी में कमी की वजह से हो सकती है। रोजाना ओरल हाइजीन को बनाने के लिए कुछ खास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करके सेंसटिविटी से छुटकारा पाया जा सकता है।

बेहतर ओरल हेल्थ टिप्स

– दिन में कम से कम दो बार ब्रश जरूर करें। एक बार ब्रश करने में तीन मिनट का समय दें।
– ब्रश करते समय दांतों और मसूड़ों पर ब्रश को ज्यादा रगड़ें नहीं बल्कि, हल्के हाथों से ब्रश को इधर-उधर घुमाएं।
– ब्रश करने के बाद अंगुली से धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करें, इससे मसूड़े मजबूत होते हैं।
– दांतों के बीच फंसे टुकड़ों को निकालने के लिए फ्लॉस (धागे से दांतों की सफाई) का इस्तेमाल करें।
– फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और माउथ वॉश का इस्तेमाल करें।
– कुछ भी खाने के बाद कुल्ला या गार्गल जरूर करें।
– दांतों की तरह ही रोजाना जीभ की सफाई करना बेहद जरूरी है।
– जीभ की सफाई के लिए टंग क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– हर रोज अपने मुंह की जांच करें। किसी तरह की सूजन, कटने के निशान या कोई स्पॉट नजर आए तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।
– साल में कम से कम एक या दो बार अच्छे डेंटिस्ट से जांच करवाएं।

 

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