डिप्रेशन में रखें यह 7 सावधानियां, जिंदगी जी पाएंगे बिंदास

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि डिप्रेशन से उबरना किसी बड़े संघर्ष से कम नहीं. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इससे निकलना कोई बड़ी बात है. आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली, अनियमित खानपान और दिनचर्या, मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार, बिगड़ते रिश्ते, धोखा, व्यापार घाटा, बेरोजगारी, नशे की लत, गंभीर बीमारियों जैसे कई ऐसे कारण हैं जो आपको डिप्रेशन का शिकार बना देते हैं.

7 ऐसे गोल्डन रूल्स हैं जिनको अपनाकर आप बिना दवाओं के डिप्रेशन को दूर कर सकते हैं.

1. ब‍िंज ईट‍िंग से बचें
कई बार तनाव के चलते भूख ना होने के बावजूद हम जरूरत से ज्यादा खाना शुरू कर देते हैं. जिसे बिंज ईट‍िंग ड‍िसऑर्डर कहते हैं. डिप्रेशन के दौरान आपको ब‍िंज ईट‍िंग से बचना चाह‍िए. क्योंकि इससे ना केवल पेट के रोग उत्पन्न होंगे बल्कि अन‍िद्रा की समस्‍या बढ जाती है. ऐसे में पर्याप्त नींद ना आना और पेट का साफ ना रहना आपके ड‍िप्रेशन को और बढा देता है. डिप्रेशन के दौरान जरूरत से ज्यादा खाना खाने से बचें. ल‍िक्‍व‍िड डाइट लें ताक‍ि शरीर को पर्याप्‍त मात्रा में ऑक्‍सीजन म‍िलती रहे और साथ ही आपको फाइबर र‍िच डाइट का सेवन भी करना चाहि‍ए.

2. एल्कोहल और धूम्रपान से बचें
जब आप डिप्रेशन से गुजर रहे हों तब एल्कोहल और धूम्रपान करना काफी नुकसानदेह है. यह कुछ वक्त के लिए खुद तनावमुक्त रखने कराने का आसान तरीका लग सकता है पर असल में यह आपको शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करने वाले तरीके हैं. यह डिप्रेशन को बढ़ाते हैं.

3. खुद को कमरे में बंद ना करें
कई बार डिप्रेशन में हम अकसर अकेले रहना पसंद करते हैं. और एक कमरे तक खुद को सीमित कर लेते हैं, लोगों से बातचीत बंद कर देते हैं. जो काफी घातक हो सकता है. डिप्रेशन महसूस होने पर खुद को दूसरों से अलग ना करें. सोशल आइसोलेशन से ड‍िप्रेशन के लक्षण बढ़ सकते हैं. खुले और हवादार वातावरण में बैठें, लोगों से बातचीत करें, उनसे मिलें. जो आप महसूस कर रहे हैं उसके बारे में उनसे चर्चा करें और समाधान के रास्ते खोजें. अपने चुनिंदा खास मित्रों से अपनी बातें शेयर करें.

4. गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से बचें
ड‍िप्रेशन के दौरान कई बार हम जरूरत से ज्यादा मोबाइल, इंटरनेट, टीवी, लैपटॉप या टैबलेट का इस्तेमाल करने लगते हैं. वीडिया गैम्स पर समय बिताने लगते हैं. एक समय सीमा से ज्यादा इनका इस्तेमाल आपको मानसिक रूप से थका देता है, तनाव और अनिद्रा बढाता है. मानसिक स्तर को कमजोर करता है और शरीर का एनर्जी लेवल डाउन करता है, जो डिप्रेशन बढाने का कारण भी है.

5. डिप्रेशन बढ़ाने वाले कंटेंट से दूरी रखें
कई बार तनाव में होने पर हम सेड सॉन्ग सुनते हैं, सेड सीरियल और मूवी देखते हैं और ऐसा मान लेते हैं कि ठीक वैसा ही आपके साथ भी हो रहा है. जबकि ऐसा हकीकत में नहीं होता. जरूरत से ज्यादा इन सीरियल, मूवी, गानों के साथ खुद को जोड़ लेने से भी तनाव बढ़ जाता है. इसलिए हंसाने वाला, कॉमेडी कंटेंट देखें जो आपके मूड को बूस्ट करने में मददगार होगा.

6.  डिप्रेशन के वक्त ओवर थिंकिंग और लेटे रहने से बचें
डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति में बिना वजह देर तक लेटे रहने या ओवर थिंकिंग से इसके लक्षण और बिगड़ जाते हैं. लेटने के बावजूद अन‍िद्रा का शिकार हो सकते हैं. डिप्रेशन होने पर आप दूर का सोचने या गहन च‍िंतन करने से बचें. इससे आपकी स्‍थ‍िति और ब‍िगड़ने की आशंका रहती है. ड‍िप्रेशन होने पर भव‍िष्‍य या पुराना का सोचने के बजाय वर्तमान पर फोकस करना जरूरी है. इसके बजाए आप व्यायाम, योग, वॉक, डांस, हल्की जॉगिंग का सहारा ले सकते हैं. मित्रों और परिजनों के साथ वक्त गुजारें. इससे आपको ओवर थिंकिंग का शिकार भी नहीं होना पड़ेगा और आपका ध्यान भी बटेगा.

7. च‍िकि‍त्‍सकीय परामर्श की अनदेखी ना करें
कई बार हम ड‍िप्रेशन होने पर परेशानी को नजर अंदाज कर देते हैं, जो गलत है. इसके बजाए हमें विशेषज्ञ चिकित्सक, थेरेपिस्‍ट या काउंसलर से मिलना चाहिए. अपनी परेशानी और लक्षणों को शेयर करना चाहिए. चिकित्सक की सलाह  के अनुसार अपने जीवन और सोच को व्यवस्थित करें. डिप्रेशन की समस्या से अकेले जूझने के बजाय साइकोलॉजिस्ट की मदद लें.

: डॉ. हिमांशी गहलोत, साइकोलॉजिस्ट

India Health TV

subscribe now