जानें ब्रेस्ट कैेंसर के लक्षण और इलाज, नई प्रक्रियाओं से सही समय पर इलाज संभव

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है। इस बीमारी का नाम सुनते ही सब भयभीत हो जाते हैं। लेकिन अब इसका इलाज पहले की तुलना में काफी आसान हो गया है। आंकड़ों को देखा जाए तो भारत में धीरे-धीरे ब्रेस्ट कैंसर का आंकड़ा बढ़ रहा है।

ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं में कई शंकाएं हैं जिससे वे इसे लाइलाज बीमारी समझती हैं। यदि शुरुआत में ही इसके लक्षण दिखने पर सावधानी बरती जाए तो इसका सफल इलाज संभव है, चिंता की कोई बात नहीं।

ब्रेस्ट कैंसर में स्तन की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। ये कोशिकाएं स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में अधिक तेजी से विभाजित होती हैं और जमा होती रहती हैं, जिससे एक गांठ बन जाती है। कोशिकाएं स्तन के माध्यम से लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। यह ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज होती है जिसे मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं। लगभग पांच से दस प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले परिवार की पीढ़ियों के माध्यम से पारित जीन उत्परिवर्तन से जुड़े होते हैं।

 

ये हैं लक्षण


● स्तन में गांठ या सख्त होना
● स्तन के आकार या रूप में परिवर्तन
● स्तन के ऊपर की त्वचा में परिवर्तन
● निप्पल का उल्टा अंदर की तरफ हो जाना
● निप्पल या स्तन की त्वचा के आसपास की त्वचा के पिगमेंट क्षेत्र का छिलना
● स्तन के ऊपर की त्वचा का लाल होना या खड़ा होना

 

जांच और इलाज


ब्रेस्ट कैंसर की जांच ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड, एमआरआई और बीओप्सी द्वारा की जाती है। पुष्टि होने पर इलाज के तौर पर हार्मोन थेरेपी, कीमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। कई मामलों में कैंसर की गांठ को सर्जरी द्वारा भी निकाला जाता है। यदि कैंसर चौथे स्टेज में है तो पैलिएटिव रेडिएशन थेरेपी दे मरीज की पीड़ा को कम किया जाता है। सही समय पर इलाज कराने से मरीज एक गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकते हैं।

: डॉ. रोहित स्वामी, कैंसर रोग विशेषज्ञ

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