शोल्डर पेन यानी कंधे का दर्द एक आम समस्या है, जो किसी भी उम्र में हो सकती है। यह दर्द हल्के असहजता से लेकर तेज पीड़ा तक हो सकता है, और हाथ की गतिविधियों को भी सीमित कर सकता है। समय पर इलाज न हो तो यह क्रोनिक (लंबे समय तक रहने वाला) रूप भी ले सकता है। शोल्डर पेन को नजरअंदाज करना सही नहीं है। शुरुआती अवस्था में ही अगर फिजियोथैरेपी शुरू कर दी जाए तो दवाओं और सर्जरी से बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम और फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह से कंधे को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखा जा सकता है।
शोल्डर पेन के प्रमुख कारण:
1- मांसपेशियों में खिंचाव या चोट
2- रोटेटर कफ इंजरी (कंधे की मुख्य मांसपेशियों में चोट)
3- फ्रोज़न शोल्डर (adhesive capsulitis)
4- गठिया (Arthritis)
5- गलत मुद्रा या लंबे समय तक एक जैसी स्थिति में रहना
6- अधिक वजन उठाना या अचानक जोर लगाना
फिजियोथैरेपी से कैसे राहत?
फिजियोथैरेपी शोल्डर पेन से राहत दिलाने में बेहद प्रभावी और सुरक्षित तरीका है। इसमें दवाओं की जगह मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों पर काम किया जाता है।
मुख्य फिजियोथैरेपी तकनीकें:
1- रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज: कंधे की गति को बढ़ाने में मदद करती हैं।
2- स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज: जकड़न कम करती हैं और लचीलापन बढ़ाती हैं।
3- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: कमजोर मांसपेशियों को मजबूत बनाती है।
4- हॉट/कोल्ड थेरेपी: सूजन और दर्द कम करती है।
5- अल्ट्रासाउंड/ TENS थेरेपी: गहराई तक असर डालकर मांसपेशियों को आराम देती हैं।
बचाव के उपाय:
1- सही मुद्रा में बैठें और सोएं
2- भारी सामान उठाते समय सावधानी रखें
3- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
4- लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल करते समय बीच-बीच में स्ट्रेच करें
: डॉ. क्षितिज गुप्ता, सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट, सीपी हॉस्पिटल