किन कैंसर रोगों में सटीक उपचार देने में सक्षम साइबरनाइफ?

साइबरनाइफ एक रोबोटिक रेडियो सर्जरी प्रणाली है जिसका उपयोग विकिरण उपचार में किया जाता है। यह एक अत्यधिक सटीक रेडिएशन थेरेपी मशीन है, जो उप-मिलीमीटर सटीकता के साथ अच्छेदनकारी लक्षित विकिरण प्रदान करती है और आसपास के ऊतकों को कम से कम नुकसान पहुंचाती है। इसका उपयोग आमतौर पर मस्तिष्क, रीढ़, फेफड़े, यकृत, ​अग्नाशय, गुर्दा, अधिवृक्क ग्रंथि और प्रोस्टेट में ट्यूमर के उपचार के लिए किया जाता है। हाई डोज विकिरण के मार्फत यह इम्यूनोथेरेपी के प्रभाव को भी बढ़ाने में सक्षम है। साइबरनाइफ उपचार प्रक्रिया में आमतौर पर विस्तृत इमेजिंग अध्ययन जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई या पीईटी और सीटी का संलयन रोगग्रस्त स्थलों का सटीक स्थानीयकरण करने की अनुमति देता है, जिसके बाद उन्नत सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगी के उपचार की योजना बनाई जाती है। उपचार सत्र के दौरान, रोगी एक काउच पर लेटता है और रोबोटिक भुजा विभिन्न कोणों से विकिरण वितरित करती है। संपूर्ण प्रक्रिया आरामदायक और कुशल होती है, जिसमें अधिकांश सत्र 30-90 मिनट तक चलते हैं। साइबरनाइफ प्रणाली कैंसर के बहुआयामी उपचार में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।

किन स्थितियों में कारगर?

मस्तिष्क (Brain Tumor): यह प्रणाली ऑप्टिक कायाज्म, ऑप्टिक नर्व और ब्रेनस्टेम जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं के पास स्थित प्राथमिक और माध्यमिक मस्तिष्क ट्यूमर का इलाज करने में सक्षम है। यह मशीन कुशलता से मेनिनजिओमा वेस्टिबुलर श्वानोमा,आर्टिरियोवेनस, मालफॉर्मेशन (Arteriovenous Malformations) जैसे विकारों का भी उपचार कर सकती है।

रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord): रीढ़ की हड्डी एक संवेदनशील अंग है, जो विकिरण उपचार के लिए अत्यधिक संवेदनशील होती है। साइबरनाइफ प्रणाली इस अंग में स्थित प्राथमिक और माध्यमिक ट्यूमर का अत्यंत सटीकता के साथ इलाज कर सकती है।

फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer): चूंकि फेफड़े श्वसन के कारण निरंतर गति में रहते हैं, इसलिए साइबरनाइफ इसे ध्यान में रखते हुए विकिरण उपचार प्रदान कर सकता है। यह आईआर कैमरा, आईआर वेस्ट और आंतरिक फिडूशियल्स का उपयोग करके रोगी के लिए विशिष्ट श्वसन मॉडल तैयार करता है, ताकि विकिरण केवल तब दी जाए जब ट्यूमर सही स्थान पर हो।

यकृत और अग्न्याशय के ट्यूमर (Liver and Pancreatic Tumors): साइबरनाइफ यकृत की गति को ध्यान में रखते हुए उपचार प्रदान कर सकता है। यह उन ट्यूमर का इलाज कर सकता है, जिन्हें सर्जरी से निकालना कठिन होता है या जो रुकावट संबंधी लक्षण उत्पन्न कर रहे होते हैं। यह उपचार टीएसीई (Trans Arterial Chemoembolization) और आरएफए (Radiofrequency Ablation) से अधिक प्रभावी साबित होता है।

VIDEO: देखें क्या है साइबरनाइफ तकनीक और मशीन?

VIDEO: देखें क्या है साइबरनाइफ तकनीक और मशीन?

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer): प्रोस्टेट ग्रंथि को हाई डोस विकिरण की आवश्यकता होती है, लेकिन यह मलाशय और मूत्राशय के बहुत पास स्थित होती है, जिससे प्रत्येक सत्र में अधिक विकिरण डोज देना कठिन हो जाता है। साइबरनाइफ इस चुनौती को आसानी से हल कर सकता है और न्यूनतम साइड इफेक्ट के साथ प्रभावी उपचार प्रदान कर सकता है।

 प्रमुख विशेषताएं
रोबोटिक गतिशीलता: यह मशीन एक रोबोट की तरह काम करती है। इसकी लचीली रोबोटिक भुजा विभिन्न कोणों में घूमकर विकिरण प्रदान करने में सक्षम है।

रियल-टाइम ट्रैकिंग: यह प्रणाली लगातार इमेजिंग करके ट्यूमर को ट्रैक करती है और रोगी की गतिविधि को ध्यान में रखते हुए विकिरण किरणों को वास्तविक समय में समायोजित करती है। पहले हम केवल दो सत्रों के बीच रोगी की गतिविधि (इंटरफ्रैक्शन मूवमेंट) को ट्रैक कर सकते थे, लेकिन अब इस मशीन के माध्यम से उपचार के दौरान भी प्रति दस सेकंड में ट्यूमर की गतिविधि (इंट्राफ्रैक्शन मूवमेंट) को मापा और नियंत्रित किया जा सकता है।

गैर-आक्रामक (नॉन-इनवेसिव) उपचार:
इस प्रक्रिया के लिए किसी भी प्रकार की चीर-फाड़ या एनेस्थीसिया, एड्मीशन की आवश्यकता नहीं होती।

अत्यधिक सटीकता: यह प्रणाली एचडीएमएलसी (हाई-डेफिनिशन मल्टी-लीफ कोलिमेटर) और आंतरिक रूप से प्रत्यारोपित फिडूशियल्स (fiducials) का उपयोग करके मिलीमीटर से भी कम सटीकता के साथ अच्छेदनकारी विकिरण को वितरित कर सकती है।

बहुआयामी उपयोगिता: यह उन ट्यूमर के इलाज के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, जिन्हें पारंपरिक सर्जरी या रेडियोथेरेपी से इलाज करना मुश्किल होता है।

साइबरनाइफ प्रणाली के घटक
साइबरनाइफ प्रणाली से प्रभावी इलाज में सीलिंग पर स्थापित एक्स-रे ट्यूब व फ्लोर पर स्थापित इमेज डिडेक्टर, सिंक्रोनी कैमरा (रेस्पिरेटरी ट्रैकिंग), रोबोटिक लीनियर एक्सेलेरेटर, रोबोटिक उपचार काउच, इमेज डिटेक्टर काफी अहम हिस्सा हैं।

: डॉ. शिखा ढल
प्रोफेसर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी
श्रीराम कैंसर सेंटर, महात्मा गांधी अस्पताल, जयपुर

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