तनाव, आज की व्यस्त जीवनशैली का एक सामान्य हिस्सा बन गया है, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य, विशेषकर हृदय पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। तनाव को समय रहते नियंत्रित करना न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि हृदय की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है। तनाव को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है, क्योंकि यह सीधे हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देता है। तनाव शरीर में हार्मोनल और शारीरिक बदलाव लाता है, जो हृदय को प्रभावित करता है। उच्च तनाव का स्तर बार-बार हृदय पर दबाव डालता है, जिससे धमनियों में प्लाक बनने और रक्त के थक्के जमने का खतरा बढ़ता है। ये थक्के रक्त प्रवाह को बाधित कर सकते हैं और हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। ऐसे में स्वस्थ जीवनशैली और तनाव प्रबंधन के उपाय अपनाकर आप अपने दिल को सुरक्षित रख सकते हैं।
तनाव से कैसे बढ़ता है खतरा?
हृदय गति और रक्तचाप में वृद्धि:
जब हम तनाव में होते हैं, तो शरीर “फाइट-ऑर-फ्लाइट” प्रतिक्रिया देता है। इस दौरान शरीर में एड्रेनालिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिससे हृदय गति और रक्तचाप बढ़ जाता है। यह लंबे समय तक हृदय पर दबाव डाल सकता है।
धमनियों में सूजन:
तनाव के कारण शरीर में सूजनकारी कारक बढ़ सकते हैं, जो हृदय की धमनियों को संकुचित कर देते हैं। इससे रक्त प्रवाह बाधित होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
अस्वस्थ आदतें:
तनाव के कारण लोग अक्सर धूम्रपान, शराब या जंक फूड का सेवन करने लगते हैं। ये आदतें हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे को बढ़ावा देती हैं, जो हार्ट अटैक के प्रमुख कारक हैं।
तनाव से बचाव के उपाय
तनाव प्रबंधन:
योग, प्राणायाम और ध्यान जैसी तकनीकें अपनाएं।
संतुलित आहार:
फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। उचित मात्रा में पानी पीएं।
शारीरिक गतिविधि:
रोजाना 30 मिनट व्यायाम करें, जैसे तेज चलना या दौड़ना।
पर्याप्त नींद:
रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
समय-समय पर जांच:
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर का नियमित परीक्षण कराएं।
धूम्रपान व शराब से बचें:
धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।