क्यों हो जाते हैं जननांग दाद, जानें बचाव के उपाय

जननांग दाद (Genital Herpes) एक संक्रामक यौन संचारित रोग (STD) है, जो हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होता है। यह वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद तंत्रिकाओं में छिपा रहता है और समय-समय पर दोबारा सक्रिय हो सकता है। यह रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है और गंभीर असुविधा उत्पन्न कर सकता है। इस गंभीर असुविधाजनक यौन संचारित रोग से कुछ सावधानियों और सुरक्षात्मक उपायों से बचा जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को इस संक्रमण का संदेह हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। जननांग दाद का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं की मदद से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता और सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाकर इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है।

जननांग दाद के प्रमुख कारण
जननांग दाद मुख्य रूप से हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV-1 और HSV-2) के संक्रमण के कारण होता है।
इसके प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

यौन संपर्क – असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क करने से यह वायरस फैल सकता है।
मौखिक संपर्क – यदि किसी व्यक्ति को मौखिक हर्पीस (Cold Sores) है और वह संक्रमित व्यक्ति के जननांगों के संपर्क में आता है, तो वायरस फैल सकता है।
त्वचा से त्वचा का संपर्क – संक्रमित व्यक्ति के जननांगों पर मौजूद घाव या दाने के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है।
संक्रमित वस्तुओं का उपयोग – हालांकि यह वायरस आमतौर पर सतहों पर अधिक देर तक जीवित नहीं रहता, फिर भी संक्रमित तौलिये, कपड़े या शेविंग रेजर के उपयोग से संक्रमण फैल सकता है।

बचाव के उपाय
जननांग दाद से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

सुरक्षित यौन संबंध – कंडोम का सही तरीके से उपयोग करना संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है।
एक ही साथी के साथ संबंध – कई साथियों के साथ यौन संबंध बनाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, एक स्वस्थ और विश्वसनीय साथी के साथ संबंध रखना सुरक्षित रहता है।
स्वच्छता बनाए रखें – अपने निजी अंगों की स्वच्छता का ध्यान रखें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें – यदि किसी व्यक्ति को जननांग दाद है, तो उसके साथ यौन संपर्क करने से बचें, खासकर जब संक्रमण सक्रिय अवस्था में हो।
मजबूत प्रतिरक्षा तंत्र बनाए रखें – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहती है, जिससे संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।
वैक्सीनेशन (यदि उपलब्ध हो) – हालांकि अभी तक HSV के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, फिर भी इस पर शोध जारी है।

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