डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस: कारण, लक्षण और उपचार

डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) एक दुर्लभ, पुरानी त्वचा संबंधी बीमारी है, जो आमतौर पर ग्लूटेन-संवेदनशील एंटरोपैथी (सीलिएक रोग) से जुड़ी होती है। इसे “ग्लूटेन रैश” भी कहा जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से ग्लूटेन के प्रति असहिष्णुता के कारण होता है। डर्माटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस अक्सर 30 से 40 वर्ष की आयु के वयस्कों में होता है, लेकिन बच्चों और बड़ी उम्र के वयस्कों में भी हो सकता है।

कारण
इस रोग का मुख्य कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा ग्लूटेन (गेहूं, जौ और राई में पाया जाने वाला प्रोटीन) के प्रति असहिष्णुता है। जब कोई व्यक्ति ग्लूटेन का सेवन करता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से त्वचा में इम्यूनोग्लोबुलिन ए (IgA) एंटीबॉडीज जमा कर देती है, जिससे त्वचा में खुजली और जलन वाले चकत्ते उभर आते हैं।

लक्षण
त्वचा पर खुजली और जलन वाले लाल धब्बे या चकत्ते
छोटे-छोटे जल से भरे फफोले, जो अक्सर कोहनी, घुटनों, खोपड़ी, नितंबों और पीठ पर होते हैं
त्वचा पर अत्यधिक जलन और खुजली
त्वचा पर बार-बार घाव और निशान बनने की प्रवृत्ति
कुछ मामलों में पेट की समस्या, जैसे डायरिया और अपच

उपचार
ग्लूटेन-मुक्त आहार: चूंकि यह बीमारी ग्लूटेन असहिष्णुता से संबंधित है, इसलिए ग्लूटेन मुक्त आहार अपनाने से लक्षणों में सुधार होता है।
डैप्सोन (Dapsone) दवा: यह एक एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा है, जो खुजली और चकत्तों को तेजी से कम करने में सहायक होती है।
अन्य दवाएं: सल्फापायरीडीन (Sulphapyridine) और इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं।
त्वचा की देखभाल: प्रभावित त्वचा को साफ और मॉइस्चराइज़ रखने से राहत मिलती है।
डॉक्टर की निगरानी: लक्षणों को नियंत्रण में रखने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

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