शुक्राणुओं की संख्या, गुणवत्ता बढाने के लिए रखें इन 7 बातों का खास ध्यान, बढ जाएगी प्रजनन क्षमता

यदि आप ऐसा सोचते हैं कि आप तंदुरस्त दिखते हैं तो आपके शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और गुणवत्ता भी बेहद अच्छी ही होगी. तो यह सच नहीं है. हां पर अच्छा स्वास्थ्य शुक्राणुओं की क्वालिटी को बढाता है यह कहना गलत नहीं है. बस बढती उम्र के साथ इनकी क्वालिटी अक्सर शरीर में उपर नीचे होती रहती है.

आमतौर पर वैसे तो पुरुष जीवन भर शुक्राणुओं का उत्पादन करते रहते हैं लेकिन बढती उम्र के चलते इनकी ग​तिशीलता कम होती जाती है. इनकी गतिशीलता हर साल 0.7 फीसदी की दर से घटती है. इसके अलावा शुक्राणुओं का उत्पादन देखें तो सबसे अच्छा समय जहां बसंत माना जाता है वहीं गर्मियों इनका उत्पादन कम रहता है.

बहुत जरूरी है कि यदि आप पिता का बनने का सुख चाहते हैं या अधिक उम्र में भी पिता बनना चाह रहे हैं तो अपनी प्रजनन क्षमता को बनाए रखने के लिए शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर भी ध्यान दें.

ध्यान रखें 7 प्रमुख बातें


1: विटामिन एण्ड मिनरल्स

शुक्राणुओं की गुणवत्ता बढाने के लिए जिंक, विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा थ्री, सेलेनियम, फोलिग एसिड से भरपुर भोजन लें.

2: नियमि​त व्यायाम

नियमिति हल्का व्यायाम करें. बहुत ज्यादा भारी व्यायाम से बचें, क्योंकि यह भी स्पर्म की क्वालिटी और काउंट बढाने में बाधक बन सकता है.

3: फल और सब्जियां

अनार का जूस स्पर्म काउंट और क्वालिटी को बढाने में बेहद अहम है. रोज एक गिलास अनार का जूस पीने से मेल फर्टिलिटी में बढ़ोत्तरी होती है. तुर्की में की गई रिसर्च में इस बात का दावा भी किया गया है. इसके अलावा टमाटर भी फायदेमंद है, इसमें मौजूद लाइकोपिन स्पर्म काउंट, क्वालिटी और स्ट्रक्चर को बेहतर बनाता है. लहसून, गाजर, पालक, केला का सेवन भी काफी फायदेमंद है.

4: लेपटॉप और मोबाइल से सावधान

गोद में रखकर लेपटॉप इस्तेमाल करने, पेंट की साइड पॉकेट में ज्यादा मोबाइल ना रखें, यह आपके स्पर्म काउंट और क्वालिटी का प्रभावित करता है. हालांकि ऐसा कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है लेकिन चिकित्सक फिर भी मानते हैं कि इन दोनों ही परिस्थितियों से बचा जाए तो अच्छा है.

5: गर्म वातावरण से बचें

शुक्राणुओं की गति तापमान पर भी निर्भर करती है. गर्म पानी से स्नान करने से बचें. ठंडा वातावरण शुक्राणुओं की गतिशीलता और गुणवत्ता दोनों बढाने में सहायक है.

6: अखरोट खाएं

शुक्राणुओं के उत्पादन और गतिशीलता में अखरोट काफी फायदेमंद हो सकते हैं. इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड्स मेल ऑर्गन्स में ब्लड फ्लो बढ़ाने में सहायक तत्व है. प्रतिदिन 50 से 75 ग्राम अखरोट जरूर खाएं.

7: अच्छी जीवनशैली अपनाएं

ध्यान रखें पहले वाले भोजन के पचे बिना अगला भोजन न करें. बहुत मसालेदार और आॅयली फूड खाने से बचें. चिंता, गुस्सा, डर जैसी भावनाओं को अपने मन से निकाल दें. खुशहाल और सकारात्मक दिनचर्या को जीवन का हिस्सा बनाएं, दिन में सोने से बचें. सूर्योदय से पहले उठें और रात को 10 बजे तक किसी भी सूरत में बिस्तर में जाकर सो जाएं.

: डॉ. अनिल शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक

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