
आज के दौर में महिला और स्त्री रोगों (Gynecological disorders) जैसे फाइब्रॉइड्स, एंडोमेट्रिओसिस, हिस्टेरेक्टॉमी, सैक्रोकोलपोपेक्सी, ओवरी सिस्ट, गर्भाशय कैंसर आदि के इलाज में रोबोटिक सर्जरी एक आधुनिक और प्रभावी विकल्प बनकर उभरी है। रोबोटिक सर्जरी स्त्री रोगों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव है। यह तकनीक न केवल सुरक्षित है, बल्कि महिलाओं को कम दर्द, तेज रिकवरी और बेहतर परिणाम भी देती है। विशेषज्ञ की सलाह से इस तकनीक का लाभ लिया जा सकता है।
रोबोटिक सर्जरी एक अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीक है जिसमें डॉक्टर एक कंप्यूटर-कंट्रोल्ड रोबोटिक सिस्टम की मदद से ऑपरेशन करता है। यह खासतौर पर स्त्री रोगों (Gynecological Disorders) जैसे—गर्भाशय की गांठ (Fibroids), एंडोमेट्रिओसिस, ओवरी सिस्ट, गर्भाशय या सर्वाइकल कैंसर जैसी समस्याओं के इलाज में इस्तेमाल की जाती है।
यह कैसे काम करती है?
1. सर्जन ऑपरेशन थिएटर में मौजूद एक कंसोल (कंट्रोल सिस्टम) पर बैठकर रोबोटिक “आर्म्स” को नियंत्रित करता है।
2. इन आर्म्स में हाई-डेफिनिशन कैमरा और बारीक औजार होते हैं जो शरीर के अंदर बेहद सटीकता और लचीलापन के साथ काम करते हैं।
3. यह तकनीक पारंपरिक सर्जरी से कहीं ज्यादा कम चीरा, कम खून बहाव और कम दर्द के साथ जटिल ऑपरेशन करने में सक्षम होती है।
रोबोटिक सर्जरी के प्रमुख फायदे:
कम चीरा और कम खून बहना: रोबोटिक तकनीक में बहुत ही छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे खून का बहाव कम होता है और रिकवरी तेज होती है।
सटीकता और नियंत्रण: सर्जन रोबोटिक सिस्टम की मदद से बेहद सटीकता के साथ ऑपरेशन करता है, जिससे जटिल प्रक्रियाएं भी सुरक्षित तरीके से पूरी की जा सकती हैं।
तेजी से रिकवरी: पारंपरिक सर्जरी की तुलना में रोगी जल्दी ठीक होता है और अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है।
कम दर्द और संक्रमण का खतरा: छोटी सर्जरी होने की वजह से दर्द और संक्रमण की संभावना कम होती है।
गर्भधारण की संभावना बनी रहती है: कुछ स्त्री रोगों के इलाज के बाद महिला की प्रजनन क्षमता (fertility) को बचाना जरूरी होता है, जिसमें रोबोटिक सर्जरी मददगार साबित होती है।
: डॉ फणींद्र भारद्वाज
गायनी लेप्रोस्कोपिक सर्जन, महात्मा गांधी अस्पताल