क्या आप यह लक्ष्ण महसूस कर रहे हैं? तो हो सकते हैं तनाव के शिकार

ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में स्ट्रेस यानी तनाव एक बड़ी समस्या बन गया है. कोरोना संकटकाल में ऐसे मामले और ज्यादा बढ गए हैं और स्ट्रेस मैनेजमेंट हर किसी के लिए तनाव का कारण बन गया है. बड़ी बात यह है कि समय रहते इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह मानसिक रोगों को जन्म देता है. मानसिक तनाव का शिकार भले ही एक व्यक्ति हो लेकिन इसका असर उसके आसपास रहने वाले हर व्यक्ति, परिवार के हर सदस्य पर पड़ता है. बताया जाता है कि दुनिया के हर चौथे इंसान को कभी न कभी इस दौर से गुजरना पड़ता है, जिसका सबसे बड़ा कारण है भावनात्मक जुड़ाव और निराशा.

भारत में बड़ी समस्या यह है कि लोग इसका इलाज करवाने से भी डरते हैं उनको यह लगता है कि पता नहीं लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे जबकि यह परिस्थिति किसी के भी साथ हो सकती है. बहुत ज्यादा तनाव एक ऐसी परिस्थिति उत्पन्न कर देता है जिसमें व्यक्ति सही से सोच समझ नहीं पाता और अपनी भावनाओं के साथ व्यवहार पर भी नियंत्रण खोता जाता है. यदि समय पर ध्यान ना दिया जाए तो व्यक्ति दूसरों से साथ वालों से दूरी बना लेता है और रोजमर्रा में उसको अपने काम निपटाने में भी परेशानी होती है. वैसे यह ऐसी समस्या नहीं कि इसका इलाज नहीं यदि समय रहते इसका इलाज कराया जाए, प्रोपर काउंसलिंग हो तो एक खुशहाल जीवन जीया जा सकता है. तनाव, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा यह सभी मानसिक तनाव के अलग अलग प्रकार हैं. यह एक ऐसी परिस्थिति है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली को गड़बड़ा देते हैं. जो इसको बढा देते हैं.

तनाव के लक्ष्ण


1. चिड़चिड़ापन
2. अकेलापन महसूस होना
3. अकेले रहना पंसद करना, दूसरों की अनदेखी
4. मन उदास रहना
5. असामान्य नींद
6. रक्त संचार का डिस्टर्ब होना
7. पाचन शक्ति गड़बड़ा जाना
8. भूख कम लगना
9. वजन कम होना
10. दिल की धड़कन असामान्य रहना
11. शरीर में कमजोरी महसूस होना
12. ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
13 शरीर में थकावट और दर्द
14. मन में उदासी रहना
15. सांसे अचानक तेज होना
16. त्वचा की रंगत कमजोर पड़ना
17. कभी कभी खुदकुशी जैसे ख्याल आना

 

तनाव के कारण


1. रिश्तों में खटास और धोखा
2. आनुवांशिक
3. समय प्रबंधन में लापरवाही
4. अनियमित खानपान और पोष्टिक आहार की कमी
5. गंभीर बीमारी का शिकार हो जाना
6. व्यायाम या योग ना करना, पैदल ना चलना
7. कमजोर आर्थिक परिस्थिति
8. ओवर थिंकिंग यानी जरूरत से ज्यादा सोचना
9. रिश्तों में जरूरत से ज्यादा भावनात्मक लगाव
10. आलसी और गुस्सेल स्वभाव

 

तनाव कैसे करें दूर?


 

  1. नियमित व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं
  2. जिस कमरे में आप रहते हैं वहां का तापमान सामान्य रखें
  3. पर्याप्त नींद लें और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें
  4. योग और प्राणायाम से भी तनाव पर नियंत्रण पाया जा सकता है
  5. शरीर में पानी की मात्रा बढाएं
  6. सुपाच्य भोजन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं
  7. पोषाहार से भरपूर भोजन को खान पान में शामिल करें
  8. फास्ट फूड के सेवन से बचें
  9. संतरा, दूध, सूखे मेवे लें. यह पोटेशियम से भरपूर होते हैं जो दिमाग को शक्ति प्रदान करते हैं.
  10. आलू में विटामिन बी समूह के विटामिन काफी मात्रा में होते हैं, यह भी हमें चिंता और खराब मूड पर नियंत्रण में मदद करता है.
    विटामिन बी चावल, मछली, फलियों और अनाज में भी भरपूर होता है जो दिमागी बीमारियों और अवसाद को दूर करने में मददगार है.
  11. हरे पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन, मूँगफली, आम, केले में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होने से यह हमें तनाव से लड़ने की शक्ति देते हैं.
    ओवर थिंकिंग से बचें
  12. सबसे शेयर करने के बजाए मन की बातें किसी अपने से शेयर करें
  13. दिनचर्या को व्यस्थित करें, समय प्रबंधन पर ध्यान दें
  14. ज्यादा परेशानी होने पर बिना हिचक के मनोचिकित्सक या विषय विशेषज्ञ की राय लें

 

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