कहते हैं आपका दिल यदि तंदुरुस्त है तो दिमाग तेज गति से दौड़ता है। दिल का दिमाग से गहरा रिश्ता होता है। ऐसे में अपने शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए दिल को भी हेल्दी रखना जरूरी है। पर, इसके लिए कई सवाल दिमाग में दस्तक देते हैं कि कैसे दिल की सेहत का पता लगाया जाए। कहीं दिल को कोई खतरा तो नहीं यह जानने के लिए कौनसा टेस्ट कराया जाए। यहां हम बता रहे हैं उन टेस्ट के बारे में जो आपके दिल की दिल की गहराइयों को नापने और उसके बारे में बताने का काम करते हैं।
1. ईको कार्डियोग्राफी
यह जांच दिल के कामकाज के बारे में बताती है और वह किस तरह से काम कर रहा है उसके बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करती है। इस जांच की मदद से पता लगाया जाता है कि हृदय की मांसपेशियों को कितना खून मिल रहा है। इसके लिए हृदय की डॉपलर इमेजिंग होती है। इससे हार्ट में ब्लोकेज या वॉल्व की परेशानियों के बारे में जानकारी सामने आ जाती है।
2. ईसीजी या स्ट्रेस टीएमटी
इससे हृदय के संचालन में किसी गड़बड़ी के शुरुआती संकेत मिलते हैं और यह हृदय की देखभाल का प्रारंभिक टेस्ट होता है। इसके बाद अन्य टेस्ट कराए जा सकते हैं। स्ट्रेस टीएमटी से शरीर को पहले थकाया जाता है और फिर ईसीजी लेकर देखा जाता है कि तनाव से हृदय की गतिविधि में कोई बदलाव तो नहीं आया है। यदि कोई भी बदलाव सामने आता है तो अनुरूप विशेषज्ञ डॉक्टर्स सलाह देते हैं।
3. ईकेजी/ईसीजी
ईकेजी का अर्थ होता है इलेक्ट्रो कार्डियोग्राम। इसे ईसीजी भी कहते हैं। ईकेजी कम समय में होने वाला, सुरक्षित, दर्दरहित व कम खर्च वाला टेस्ट है। इसे हृदय की किसी समस्या की आशंका होने पर किया जाता है। इस टेस्ट में मरीज की छाती, भुजाओं और पैरों की त्वचा पर छोटे इलेक्ट्रॉड पैच लगाकर इनकी मदद से हृदय की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। इसे जांच को नियमित स्वास्थ्य जांच की तरह किया जा सकता है और हृदय की बीमारी का पता लगाने के लिए भी। आमतौर पर ईकेजी का खर्च महज 150 से 200 रुपए तक आता है। यह जांच सुलभता से भी हो जाती है।
4. सीटी हार्ट स्कैन
कार्डियक सीटी हार्ट स्कैन एक प्रकार से इमेजिंग टेस्ट होता है। इसे सीटी तकनीक से दिल की संरचना, कोरोनरी सर्कुलेशन और रक्त धमनियों, जिनमें एओट्रा, पल्मनरी वेंस और आर्टरी शामिल हैं, इनकी स्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस जांच को कोरोनरी कैल्शियम स्कैन भी कहा जाता है। इसके अलावा इस जांच के माध्यम से दिल में रक्त वाहिकाओं की जांच भी की जाती है। इन रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज आदि होने पर इस तकनीक का सहारा लिया जाता है।
5. ग्लाइकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन (एचबीए1सी)
ग्लाइकोसाइलेटेड हीमोग्लोबिन यानी एचबीए1सी जांच से खून में शुगर या शर्करा की मात्रा को नापता है और डायबिटीज (मधुमेह) की पहचान करता है। एचबीए1सी 3 से 6 महीने की अवधि में ग्लाइसेमिक कंट्रोल (खून में शर्करा के स्तर) का संकेत देता है और खासतौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए जरूरी टेस्ट है। ब्लड शुगर बढऩे पर मुख्य लक्षणों में ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब जाने की इच्छा, थकान, कमजोरी शामिल है। इसके अलावा, सिरदर्द, कमजोर नजरें, फोकस करने में कमी, घाव भरने में समय लगने जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
6. कोरोनरी सीटी एंजियोग्राफी
कोरोनरी सीटी एंजियोग्राफी टेस्ट (हाईस्पीड 128 स्लाइस सीटी स्कैनर) रक्त प्रवाह में किसी प्रकार की बाधा की पहचान के साथ धमनियों की दीवारों पर कैल्शियम जमा होने का पता लगाता है। इसमें कोई चीरा नहीं लगता और निदान की पूरी प्रक्रिया में 30 मिनट लगते हैं। पारंपरिक एंजियोग्राफी में एक डाई शरीर में डाली जाती है और कैथेटर भी लगाना पड़ सकता है। नसों में इंजेक्शन लगाकर सीटी स्कैन किया जाता है। इससे भी ब्लॉकेज देखे जा सकते हैं। यह कई जगह आसानी से हो रहा है और अच्छी बात यह है कि इसकी कीमत भी एंजियोग्राफी के समान ही है, इसलिए अब जिन्हें दिक्कत है या आयु ज्यादा है उन्हें एंजियोग्राफी करवाने की जरूरत नहीं होगी।
7. कॉलेस्ट्रॉल की जांच
कॉलेस्ट्राल की जांच रिपोर्ट कॉलेस्ट्रॉल को मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर में दिखाती है। चिकित्सक कॉलेस्ट्रॉल स्तर को दूसरे रिस्क फैक्टर जैसे पारिवारिक इतिहास, स्मॉकिंग और हाई बीपी आदि को भी ध्यान में रखते हुए आकते हैं। यदि आपका कॉलेस्ट्रॉल 200 एमजी/डीएल या इससे ज्यादा है या एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल 40 एमजी/डीएल से कम है तो आपके इलाज की लाइन तय करने के लिए आपके एलडीएल अर्थात बैड कॉलेस्ट्रॉल की जांच भी आवश्य हो जाती है। अगर आप पहला टेस्ट फास्टिंग में नहीं कराते हैं तो चिकित्सक दोबारा कॉलेस्ट्रॉल टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है।
7 संकेतों की ना करें अनदेखी
1. शरीर की नसें यदि फूल रही हों या फिर पैर के पंजे और टखने में सूजन दिखाई दे तो फौरन डॉक्टर से सम्पर्क करें.
2. यदि आपको बार बार चक्कर आ रहे हों और आंखों के सामने बार बार अंधेरा छा रहा हो तो इसकी अनदेखी कतई ना करें.
3. कई बार दिल के ठीक से काम नहीं करने के कारण फेफड़ों में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई प्रोपर तरीके से नहीं हो पाती. ऐसे में सांस लेने में परेशानी हो सकती है.
4. कई बार दिल प्रोपर तरीके से काम नहीं करता तो कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है, हार्ट अटैक आने का लक्षण हो सकता है.
5. सीने में लगातार जलन या बदजहमी आपको परेशान कर रही है तो तुरंत सावधान हो जाने की जरूरत है.
6. वैसे तो खांसी आम बात है लेकिन लगातार होने वाली खांसी के दौरान खांसते वक्त गुलाबी या सफेद बलगम आना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है.
7. यदि आपके कंधों में या कमर में लगातार दर्द होता है या फिर लगातार जबड़े, दांत या सिर में दर्द हो रहा है यह हार्ट अटैक का एक संकते है.