आजकल कई सेलेब्रिटीज और आहार विशेषज्ञ अक्सर कीटो डाइट प्लान की चर्चा करते हुए देखे और सुने जा सकते हैं.
इन दिनों यह काफी प्रचलन में है. ऐसे में इसे समझना बेहद जरूरी है. आहार विशेषज्ञों के मुताबिक यह हेल्दी लाइफ के लिए हेल्दी डाइट प्लान की जरूरतों को पूरा करने में मददगार है. कीटो डाइट प्लान को कीटोजेनिक डाइट, लो-कार्ब डाइट, लो-कार्ब हाई फैट डाइट, वेट लॉस डाइट के नाम से भी जाना जाता है. यह वजन नियंत्रित रखने के साथ शरीर को एनर्जी देने वाला डाइट प्लान है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है.
आहार विशेषज्ञों के मुताबिक जब शरीर कीटोन्स को ऊर्जा के स्रोत के रुप में इस्तेमाल करता है तो उसे संक्षेप में कीटो डाइट कहते हैं. इसमें आप कार्बोहाइड्रेट नहीं खाते और फ़ैट्स बहुत ज़्यादा मात्रा में लेते हैं. इसमें आप कुछ गिनी चुनी चीजें खाते हैं.
क्यों बढ रहा महत्व?
इसका महत्व इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों में मोटापा विश्व के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आया है. जिससे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, हड्डियों के रोग, मानसिक तनाव जैसी बीमारियों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. वैसे तो वजन कम करने के कई तरीके और डाइट प्लान प्रचलित हैं लेकिन इस वक्त सबसे प्रभावी Keto Diet Plan को माना जा रहा है. पर साथ ही यह भी सलाह दी जाती है कि कीटो डाइट प्लान और चार्ट का नियमानुसार पालन करें वरना आप वजन कम करने में कामयाब नहीं होंगे. नॉर्मल डाइट में जहां प्रोटीन कार्ब हाई होता है, प्रोटीन काफी कम होता है और फैट मीडियम होता है, जिससे ज्यादातर लोग अनहेल्दी रहते हैं. जबकि कीटो डाइट में कार्ब की मात्रा सबसे कम, फैट की मात्रा सबसे अधिक, प्रोटीन की मात्रा फैट और कार्ब के बीच रहती है.
कैसे कीटो डाइट काम करती है?
आहार विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादा कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाने से शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन बढने से शरीर में फैट जमा होने लगता है. ऐसे में कीटो डाइट में कम कार्बोहाइट्रेड वाली चीजें प्राथमिकता से शामिल की जाती हैं. इस डाइट से लिवर में कीटोन बनता है. कीटो डाइट में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करके फैट से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है. इसे कीटोसिस प्रक्रिया कहा जाता है. इस डाइट में फैट का सेवन ज्यादा, प्रोटीन का मीडियम और कम कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें खाई जाती हैं. नियमानुसार कीटो डाइट में 70 फीसदी फैट, 25 फीसदी प्रोटीन और सिर्फ 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए.