कमजोर दिल को बिना दवाओं के इन 11 नुस्खों से बनाएं मजबूत, हृदय की निर्बलता को कहें गुडबाय

आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम कई बार शरीर की अनदेखी करते हैं. कई बार शरीर के विभिन्न अंग उनकी अनदेखी हो रही है वो इस बात का संकेत भी हमें देते हैं लेकिन काम की व्यस्तता, प्रतिस्पर्धा के इस युग में हम स्वस्थ शरीर को प्राथमिकता नहीं दे पाते. कई बार अधिक श्रम किया जाता है लेकिन पोष्टिक भोजन की कमी के कारण हमारी शक्ति क्षीण होती जाती है. शरीर में रक्त की कमी भी हृदय को कमजोर बना देती है. हृदय की दुर्बलता के चलते शारीरिक और मानसिक श्रम करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. रोगी के श्वास में तकलीफ होने के साथ कई अन्य प्रकार की बीमारियां घर करने लगती है. ऐसे में जरूरी है दिल को दुर्बल ना होने दिया जाए और हर वक्त इसे मजबूत रखा जाए.

आयुर्वेद के कुछ ऐसे घरेलु नुस्खे हैं जो बिना दवाओं के आपके दिल को मजबूत बनाने में काफी मददगार हो सकते हैं.

1. सेब:


सेब का मुरब्बा प्रतिदिन सेवन करना शुरू करें. यह दिल को तो मजबूत बनाता ही है पन्द्रह से बीस दिन तक लगातार सेवन से ही हृदय की निर्बलता दूर होने लगती है.

2. अमरूद:


अमरूद भी दिल को मजबूत करने में काफी कारगर है. करीब 100 ग्राम अमरूद में 300से 400 मिलीग्राम तक विटामिन सी होता है. जो दिल को स्फूर्ति और शक्ति देने के साथ ही प्यास मिटाता है और मस्तिष्क को भी शक्ति देता है.

3. हिंग:


हिंग का सेवन रक्त को जमने से रोकता है. हींग के सेवन से र​क्त संचार सरलतापूर्वक होता है. कमजोर दिल वालों के लिए हिंग बेहद फलदायक मानी गई है.

4. शहद:


कम से कम 1 चम्मच शहद का प्रतिदिन सेवन करना भी काफी अच्छा है. इसमें 100 कैलोरी की शक्ति होती है जो दिल को शक्ति प्रदान करती है. इसके अलावा हृदय के पट्टों की सूजन को भी कम करने में मददगार है. हार्ट फेल के वक्त जब रक्त में ग्लाइजकोर्जन के अभाव में रोगी बेहोश होने लगता है तो शहद खिलाकर उसे बेहोशी से बचाया जा सकता है.

5. मजबूत पाचन क्रिया:


दिल की निर्बलता नष्ट करने के लिए ना केवल पोष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए बल्कि इसको पचाने के लिए नियमित व्यायाम भी किया जाए. प्रतिदिन खाने में गाजर, मूली, खीरा, ककड़ी, चुकंदर, प्याज के सलाद बनाकर खाने से पाचन क्रिया मजबूत की जा सकती है. इससे शरीर में रक्त का निर्माण भी बढ जाता है और दिल की मजबूती में यह मददगार है.

6. शुद्ध वायु:


सुबह की स्वच्छ और शीतल वायु दिल के लिए रोगियों के लिए काफी लाभदायक है. शुद्ध वायु शरीर में पहुंचकर रक्त को शुद्ध करती है. जो शुद्ध वायु शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंचकर दिल के संचालन में शक्ति प्रदान करती है. ऐसे में नियमित व्यायाम और सुबह की वायु को दिनचर्या में शामिल करें.

7. नीबू:


नीबू में दिल की कमजोरी को दूर करने के विशेष घटक हैं. इसके निरंतर प्रयोग से रक्त वाहिनियों में लचक और कोमलता आती है, कठोरता दूर होती है. इसके नियमित सीमिति मात्रा में सेवन से लम्बी उम्र तक आपका दिल स्वस्थ रहता है. यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार है जो सीधे सीधे दिल को मजबूती प्रदान करने का काम करता है.

8. सोंठ:


सोंठ का गर्म काढ़ा नमक मिलाकर प्रतिदिन 1 प्याला सेवन करें तो दिल के तेजी से धड़कने, दिल के बैठने, घबराहट जैसे कष्टों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. हालांकि सोंठ काफी गर्म होती है ऐसे में इसका सं​यमित सेवन भी जरूरी है.

9. तुलसी:


सर्दी के मौसम में तुलसी के 7 पत्ते, 4 नग काली मिर्च और 4 नगर बादाम लेकर सभी को ठंडाई की भांति पीसकर आधा कप जल में घोलकर नित्य पीने से दिल के रोग ठीक होते हैं और इसे मजबूती मिलती है.

10. लीची:


लीची  एक ऐसा फल है जो आपके दिल को उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती है. यदि इसका नियमित सेवन किया जाए तो यह पानी की कमी दूर करती है, इससे प्यास कम लगती है यह दिल के साथ आपके मस्तिष्क और यकृत को भी मजबूती देती है.

11. हल्दी:


नियमित 500 मिलीग्राम ​हल्दी का उपयोग जरूर करें, यह खून का थक्का नहीं जमने देती, खून का फ्लो बनाए रखने में मददगार है. खून को पतला रखती है.

: वैद्य घनश्याम शर्मा, आयुर्वेद विशेषज्ञ

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