सीएफएस यानी क्रोनिक फेटीग सिंड्रोम जिसे क्रोनिक थकान सिंड्रोम (Chronic fatigue syndrome) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां महिला हो या पुरूष एक लंबी थकान और आलस महसूस करता है। कई बार आराम की दवाएं लेने के बावजूद भी राहत नहीं मिलती। 40 से 50 वर्ष की आयु के लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं सीएफएस (CFS) के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। यह करीब छह महीने से अधिक समय तक चलने वाली थकावट है जो काम करने, स्कूल जाने, सामाजिक मेलजोल या दैनिक काम करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न करती है।
संकेत और लक्षण (Chronic fatigue syndrome Signs and symptoms)
लक्षण स्थिति की गंभीरता के आधार पर हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। मोटे तौर पर, थकान जो गंभीर है और आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डालती है, छह महीने से अधिक समय तक बनी रहती है और बिस्तर पर आराम करने के बाद भी कोई राहत नहीं मिलती है, सीएफएस का एक प्रमुख संकेत है।
1- कुछ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक थकावट के बाद अत्यधिक थकान की भावना को परिश्रम के बाद की अस्वस्थता कहा जाता है। जो ऐसे रोगियों में अक्सर देखी जाती है। यह गतिविधि के बाद 24 घंटे से अधिक समय तक बनी रहती है।
2- इसके अलावा अनिद्रा, कमजोर याददाश्त और कम एकाग्रता, बार बार सिरदर्द होना भी इसके लक्षण और संकेत हैं। कई बार ब्रेन फाॅग जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
3- पोजीशन बदलते समय चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, बार बार सिरदर्द होना, जोड़ों का दर्द, लिम्फ नोड कोमलता के लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
4- सीएफएस कुछ लोगों को चक्रों में प्रभावित करता है, लक्षण कभी-कभी आते जाते रह सकते हैं।
कारण
सीएफएस का कोई विशेष कारण नहीं है, ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि इसका कारण हार्मोनल असंतुलन, तनाव, वायरल इंफेक्शन, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, खराब जीवनशैली, आनुवंशिक प्रवृतियां हो सकता है। कुछ मामलों में यह बी 12 जैसे कुछ विटामिन की कमी के कारण ऐसा भी हो सकता है। उचित पोषक तत्वों से भरपूर आहार की कमी, अधिक फास्ट फूड का सेवन, व्यायाम की कमी भी इसके प्रमुख कारणों में शामिल है।
इलाज
सीएफएस का निदान करना आसान नहीं है क्योंकि इसका कोई विशिष्ट कारण नहीं है। चिकित्सक इसके इलाज के वक्त सबसे पहले इसके लक्षणों को जान सकते हैं क्योंकि हर व्यक्ति में अलग अलग लक्षण हो सकते हैं। इसलिए विकार को प्रबंधित करने के लिए उन्हें विभिन्न प्रकार के उपचार की आवश्यकता हो सकती है। उपचार अधिकतर रोगसूचक होतां है।
सीएफएस वाले कुछ लोगों में विटामिन की कमी भी हो सकती है और आवश्यक विटामिन की पूर्ति कर बेहतर महसूस कर सकते हैं। कैफीन, शराब, फास्टफूड के सेवन से बचें। पाचन शक्ति बेहतर रखें। पर्याप्त तरल पदार्थ के सेवन के साथ कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से युक्त संतुलित आहार लें। परिश्रम की गतिविधियों को पर्याप्त आराम के साथ संतुलित करें ताकि बीमारी को कंट्रोल किया जा सके। अच्छी नींद लें। कुछ मामलों में योग से भी मदद मिल सकती है। सीएफएस मामलों के इलाज में फिजियोथेरेपी भी सहायक है क्योंकि यह लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए कई तरह का उपचार प्रदान करने में सक्षम है। व्यायाम और अच्छे स्वस्थ आहार के जरिए मूड और ऊर्जा स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलती है। तनाव का उचित प्रबंधन भी प्रभावी है।
– डाॅ. मुस्कान जैन