ताउम्र इन 5 बीमारियों को लेकर हमेशा सावधान रहें महिलाएं

जीवन में स्वास्थ्य से बढकर कुछ नहीं. इसलिए हर वक्त अपने स्वास्थ्य को लेकर अलर्ट रहें. खोया हुआ पैसा वापस पाया जा सकता है लेकिन खोया हुआ स्वास्थ्य कभी नहीं पाया जा सकता. ऐसे में सावधान रहें और स्वस्थ रहें. इस बीच आज हम बात करेंगे महिलाओं से जुडी उन पांच बीमारियों की जिनसे महिलाओं को हमेशा बचना चाहिए, वरना यह जानलेवा साबित हो सकती हैं.

आज के वक्त में महिलाओं को वैसे तो कई बीमारियों को सामाना करना पड रहा है लेकिन पांच ऐसी खतरनाक बीमारियां हैं जिनसे महिलाओं के स्वास्थ्य पर ज्यादा नकारात्मक असर पडता है और इससे बचना चाहिए.

 

महिलाओं में पांच प्रमुख बीमारियां

5. तनाव:

महिलाओं में तनाव पुरुषों की तुलना में अधिक पाया जाता है और जल्द ही अवसाद का शिकार बना लेता है. आंकडों के मुताबिक हर साल लगभग 12 करोड़ महिलाएं इसकी शिकार होती हैं. कभी-कभी हारमोंस में बदलाव आने के कारण भी इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा अधिक काम करना, बीपी, नींद में परेशानी, वजन बढना, पेट के रोग, जरुरत से ज्यादा सोचना ऐसे कई कारण हैं जो महिलाओं को इसका शिकार बनाते हैं. कई बार यह आत्महत्या का भी कारण बन जाता है. तो कई प्रकार के रोगों को भी जन्म देता है. तनाव शारीरिक, सामाजिक और मानसिक हो सकते हैं. ऐसे में महिलाओं को ज्यादा तनाव लेने से बचना चाहिए. वरना यह उनकी जिंदगी को घातक दिशा में ले जाता है.

4. ऑस्टियोपोरोसिस या अस्थिसुषिरता:

ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) या अस्थिसुषिरता एक हड्डी रोग है जिससे शरीर में फ़्रैक्चर का ख़तरा काफी बढ़ जाता है. ऑस्टियोपोरोसिस में अस्थि खनिज घनत्व (BMD) कम हो जाता है, अस्थि सूक्ष्म-संरचना विघटित होती है और अस्थि में असंग्रहित प्रोटीन की राशि और विविधता परिवर्तित होती है. इस बीमारी को स्टेरॉयड या ग्लूकोकार्टिकॉइड-प्रेरित ऑस्टियोपोरोसिस (SIOP या GIOP) कहा जाता है. उसके प्रभाव को देखते हुए नाज़ुक फ़्रैक्चर का ख़तरा रहता है, हड्डियों की कमज़ोरी उल्लेखनीय तौर पर जीवन प्रत्याशा और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है. आज देश में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं. इस बीमारी की अनदेखी भी महिलाओं के लिए घातक साबित हो सकती है.

अधिकतर महिलाएं 30 वर्ष की आयु के बाद बहुत मोटी होने लगती हैं. इससे इनकी नई हड्डियां बननी समाप्त हो जाती हैं और पुरानी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. ऐसे में इस बीमारी से बचना बेहद जरुरी है.

3. दिल का रोग:

वैसे तो दिल का रोग पुरुषों के लिए भी काफी घातक हैं लेकिन यदि हम ​महिलाओं की बात करें तो आज महिलाओं में भी यह सबसे गंभीर बीमारी का कारण बन चुका है. वैसे महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों से भिन्न होते हैं. हालांकि दिल के दौरे का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द या बेचैनी है. महिलाओं में जबड़े, गर्दन या पीठ (कंधे के ब्लेड के बीच), अकारण कमजोरी या थकान के साथ दर्द की संभावना अधिक होती है. उनमें सांस की तकलीफ जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.

आज दिल की बीमारी के कारण लगभग 29 फीसदी महिलाओं की मौत हो जाती है. इससे महिलाओं की असामयिक मृत्यु और विकलांगता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. बहुत-सी ऐसी महिलाएँ भी हैं, जो दिल की बीमारी के साथ बहुत-सी तकलीफों जैसे सीढ़ियाँ चढ़ने में असमर्थ होना, सांस लेने में तकलीफ होना जैसी समस्या का सामना करती हैं. दिल की बीमारी महिलाओं की कार्य क्षमताओं और रोजमर्रा की जिंदगी की ताकत को नष्ट कर देती है.

2. स्तन कैंसर:

आज के युग में बडी तादात में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं. एक अनुमान के अनुसार प्रति 8 घंटे में एक महिला की मौत ब्रेस्ट कैंसर यानी स्तन कैंसर से हो जाती है. जो बताता है कि यह कितना भयावह है.

इसी कारण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को लेकर बहुत सारी शंकाएं भी रहती हैं. वे इसे एक लाइलाज बीमारी समझती हैं और इसी कारण वे इस बीमारी से समय रहते निजात नहीं पा पाती हैं. स्तन कैंसर औरतों में पाई जाने वाली एक सबसे प्रचलित बीमारी है. जो कि लंगस कैंसर के बाद दूसरे स्थान पर पाई जाने वाली ऐसी बीमारी है, जो महिलाओं की मृत्यु होने का एक सबसे प्रमुख कारण बनती है.

यदि समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह जान लेवा बन जाता है. ऐसे में महिलाओं को समय समय पर इसकी जांच कराते रहना चाहिए और चिकित्सक परामर्श लेना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि महिलाएं लाज शर्म में या अन्य व्यस्तताओं के चलते इसकी अनदेखी करती रहती हैं और बाद में यह घातक बन जाता है. ऐसा नहीं है कि इसका इलाज नहीं है इसका इलाज है लेकिन आपको इलाज के लिए तुरंत सावधान होना पडेगा. इससे डरने की जरुरत नहीं है बस समय पर उपचार लें.

1. ऑटोइम्यून डिसिज:

जोड़ों में दर्द, थकान, स्किन रैशेज़ और पाचन संबंधित परेशानियां आदि ऑटोइम्यून विकार की निशानी हैं. कई लोगों को ऑटोइम्यून विकार की वजह ये इस तरह की दिक्केतें आती हैं. ऑटोइम्यूैन रोग का सबसे सामान्यक लक्षण है सूजन. इसमें दवा लेने के बावजूद भी पेट की समस्याओं और स्किन रैशेज़ से छुटकारा नहीं मिल पाता है. खासकर पुरुषों की तुलना में यह बीमारी आज के दौर में ज्यादा तेजी से बढ रही है. यह एक ऐसी बीमारी है जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट कर देती है. इस श्रेणी में लगभग 80 से भी ज्यादा गंभीर क्रानिक बीमारियां हैं जिसमें ल्यूपस, मल्टीपल स्किलरोइसिस और मधुमेह आदि भी शामिल हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक 75 प्रतिशत ऑटोइम्यून बीमारियां महिलाओं में पाई जाती हैं. ऐसे में महिलाओं को इसका इलाज समय पर लेना बेहद जरुरी है.

ऐसे में जरुरी है समय रहते स्तन कैंसर, दिल के रोग, ऑस्टियोपोरोसिस या अस्थिसुषिरता, तनाव, ऑटोइम्यून डिसीज जैसे रोगों से महिलाएं सावधान रहें और तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लें अन्यथ खुशहाल जीवन में यह रोग दुखों का कारण बन सकते हैं

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