आनुवंशिक कैंसर रोग, विशेष सावधानी बरतने की जरूरत

आनुवंशिक कैंसर रोग (Hereditary Cancer Syndromes) वे कैंसर होते हैं जो परिवारों में आनुवांशिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी प्रवाहित होते हैं। ये कैंसर आनुवंशिक उत्परिवर्तन (mutations) के कारण होते हैं, जो व्यक्ति की जीन में होते हैं और अगली पीढ़ियों में हस्तांतरित होते हैं। इस तरह के कैंसर में एक व्यक्ति का जोखिम सामान्य लोगों की तुलना में काफी बढ़ जाता है।

आनुवंशिक कैंसर के कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं:

1. ब्रैस्ट कैंसर (Breast Cancer)
BRCA1 और BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन के कारण होने वाला कैंसर सबसे सामान्य आनुवंशिक रूप है। यह उत्परिवर्तन न केवल स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है, बल्कि ओवेरियन कैंसर का भी।
जिन महिलाओं के परिवार में इस जीन के उत्परिवर्तन का इतिहास है, उनके स्तन और अंडाशय कैंसर का खतरा सामान्य महिलाओं से कई गुना अधिक होता है।
2. ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer)
ओवेरियन कैंसर भी BRCA1 और BRCA2 जीन से संबंधित होता है। यदि किसी महिला में इस जीन का उत्परिवर्तन है, तो उसके ओवेरियन कैंसर होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
लिंच सिंड्रोम (Lynch Syndrome) भी ओवेरियन कैंसर का एक आनुवंशिक कारण है, जो आंत के कैंसर से भी जुड़ा होता है।
3. कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer)
Lynch Syndrome (Hereditary Non-Polyposis Colorectal Cancer – HNPCC) के कारण कोलोरेक्टल कैंसर होने का जोखिम काफी अधिक होता है। इस स्थिति में, DNA रिपेयर जीन में उत्परिवर्तन होते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, Familial Adenomatous Polyposis (FAP) नामक स्थिति में बड़ी आंत में सैकड़ों पॉलीप्स बनने लगते हैं, जिनमें से कुछ पॉलीप्स कैंसर में बदल सकते हैं।
4. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer)
प्रोस्टेट कैंसर भी BRCA2 जीन में उत्परिवर्तन से संबंधित होता है। इसके अलावा, HOXB13 नामक जीन में भी उत्परिवर्तन प्रोस्टेट कैंसर का कारण बन सकते हैं। यदि परिवार में पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास है, तो अन्य पुरुष सदस्यों में इस रोग का खतरा बढ़ जाता है।
5. मेलेनोमा (Melanoma)
मेलेनोमा त्वचा का एक प्रकार का कैंसर है, जो परिवारों में आनुवंशिक रूप से उत्परिवर्तन से संबंधित हो सकता है। CDKN2A जीन में उत्परिवर्तन के कारण मेलेनोमा का जोखिम बढ़ता है। आनुवंशिक मेलेनोमा के इतिहास वाले लोगों में सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव करना अत्यंत आवश्यक है।
6. पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer)
BRCA2 और PALB2 जीन में उत्परिवर्तन पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण बन सकते हैं। इन जीनों में उत्परिवर्तन वाले व्यक्तियों में इस कैंसर का खतरा सामान्य जनसंख्या से अधिक होता है। कुछ मामलों में, Lynch Syndrome और FAP भी पैंक्रियाटिक कैंसर से जुड़े होते हैं।
7. गैस्ट्रिक (पेट का) कैंसर
Hereditary Diffuse Gastric Cancer (HDGC), जो CDH1 जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है, पेट के कैंसर का एक प्रमुख आनुवांशिक कारण है। इस स्थिति में, व्यक्ति को पेट के कैंसर का अधिक खतरा होता है और इसके उपचार के लिए जीन परीक्षण महत्वपूर्ण हो सकता है।
8. किडनी कैंसर (Kidney Cancer)
Von Hippel-Lindau Syndrome और Hereditary Papillary Renal Carcinoma जैसे सिंड्रोम किडनी कैंसर का आनुवंशिक कारण हो सकते हैं। यह स्थिति किडनी में ट्यूमर के बनने की संभावना को बढ़ाती है।

उपचार और निदान:
आनुवांशिक कैंसर का निदान जीन परीक्षण और पारिवारिक इतिहास के आधार पर किया जाता है। जिन व्यक्तियों के परिवार में कैंसर का इतिहास होता है, उन्हें जेनेटिक काउंसलिंग और जेनेटिक टेस्टिंग कराना चाहिए। यह परीक्षण यह पता लगाने में मदद करता है कि किसी व्यक्ति के जीन में उत्परिवर्तन है या नहीं और उसके कैंसर के जोखिम कितने हैं।

बचाव और प्रबंधन:
जीन परीक्षण: आनुवांशिक कैंसर के जोखिम का पता लगाने के लिए जीन परीक्षण किया जा सकता है।

नियमित स्क्रीनिंग: उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों को नियमित रूप से कैंसर की स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राफी, कोलोनोस्कोपी और प्रोस्टेट जांच करवानी चाहिए।

जीवनशैली में परिवर्तन: धूम्रपान से बचना, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और शराब का सेवन कम करना कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

रोकथाम के उपाय: कुछ मामलों में, डॉक्टर सर्जिकल उपायों की सलाह दे सकते हैं, जैसे जोखिम वाले अंग को निकालना, जिससे कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है (जैसे BRCA जीन उत्परिवर्तन वाले मामलों में प्रीवेंटिव मास्टेक्टॉमी)।

निष्कर्ष:
आनुवांशिक कैंसर रोग जीनों में होने वाले उत्परिवर्तनों के कारण होते हैं, और इनका जोखिम पारिवारिक इतिहास से निर्धारित होता है। समय पर निदान, नियमित स्क्रीनिंग और जीन परीक्षण से इन कैंसरों के जोखिम को पहचाना और प्रबंधित किया जा सकता है। जिन परिवारों में कैंसर का इतिहास होता है, उनके लिए सतर्कता और समय पर उपचार जीवन रक्षक हो सकता है।

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