प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन और इन्फेक्शन प्रोस्टेटाइटिस का संकेत

प्रोस्टेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन और इन्फेक्शन हो जाता है। यह ग्रंथि वीर्य (Semen) को बनाने में मदद करती है और मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होती है, जो पुरुषों में मूत्राशय के नीचे और मूत्रमार्ग के आसपास स्थित होता है। प्रोस्टेटाइटिस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 50 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में अधिक सामान्य है। यहां प्रोस्टेटाइटिस के कुछ प्रकार और उनके लक्षणें के बारे में जानना जरूरी है।

1. एक्यूट बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस (Acute Bacterial Prostatitis):

यह प्रोस्टेटाइटिस का सबसे गंभीर और अचानक होने वाला प्रकार है। इसके लक्षण गंभीर होते हैं और इसे तुरंत इलाज की जरूरत होती है।

लक्षण:
1- तेज बुखार और ठंड लगना
2- पेल्विक क्षेत्र में गंभीर दर्द
3- पेशाब में कठिनाई (पेशाब करते समय जलन या दर्द)
4- बार-बार पेशाब आना
5- पेशाब में खून आना या दुर्गंधयुक्त पेशाब
6- वीर्य में खून आना
7- पीठ के निचले हिस्से और कमर में दर्द
8- प्रोस्टेट की चोट।

2. क्रोनिक बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस (Chronic Bacterial Prostatitis):

बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है और लंबे समय तक रहता है। इसके लक्षण हल्के लेकिन बार-बार होते हैं।यह प्रोस्टेटाइटिस का दीर्घकालिक (लंबे समय तक चलने वाला) प्रकार है और बैक्टीरिया के कारण होता है। इसमें संक्रमण नहीं होता, लेकिन दर्द और असुविधा बनी रहती है।

लक्षण:
1- पेशाब करते समय हल्का दर्द या जलन
2- बार-बार पेशाब आना, विशेषकर रात में
3- पेल्विक क्षेत्र, पीठ के निचले हिस्से या कमर में लगातार हल्का दर्द
4- बार-बार मूत्र संक्रमण होना
5- वीर्य में दर्द या असहजता

3. एसिम्पटोमैटिक इंफ्लेमेटरी प्रोस्टेटाइटिस (Asymptomatic Inflammatory Prostatitis):

यह सबसे सामान्य प्रकार है और इसका कारण स्पष्ट नहीं होता। इसमें बैक्टीरियल संक्रमण नहीं होता, लेकिन लक्षण बैक्टीरियल प्रोस्टेटाइटिस जैसे होते हैं।

लक्षण:
1- पेल्विक क्षेत्र, पीठ के निचले हिस्से और जननांगों में लगातार दर्द
2- सेक्स के दौरान या बाद में दर्द महसूस होना
3- तनाव और थकावट
4- पेशाब में कठिनाई, जैसे बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन, या पेशाब की धार कमजोर होना
5- पेल्विक क्षेत्र, पेडू या जननांगों में दर्द
6- पीठ के निचले हिस्से या कमर में दर्द
7- वीर्य या पेशाब में खून आना

इलाज
प्रोस्टेटाइटिस का इलाज इसके प्रकार और कारण पर निर्भर करता है।

1- एंटीबायोटिक्स: बैक्टीरिया के संक्रमण के लिए।
2- दर्द निवारक दवाएं: सूजन और दर्द कम करने के लिए।
3- अल्फा-ब्लॉकर्स: पेशाब की धार को बेहतर करने के लिए।
4- थेरापी: क्रोनिक प्रोस्टेटाइटिस में मांसपेशियों को आराम देने के लिए।
5- सर्जरी: अगर गंभीर समस्या हो तो सर्जरी के जरिए इसका इलाज किया जाता है।

रोकथाम
पानी अधिक पिएं।
पेशाब को रोककर न रखें।
यौन संचारित रोगों से बचने के लिए सावधानी बरतें।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

अगर इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो, तो इसे नज़रअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्रोस्टेटाइटिस का सही समय पर अगर इलाज करा लिया जाये तो इसे गंभीर बनने से रोका जा सकता है, ये रोग गंभीर होने पर प्रोस्टेट कैंसर का रूप ले सकता है।

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