समाज के लगभग सभी आयु वर्ग के लिए कोरोना की दूसरी लहर विनाशकारी रही है। जैसा कि हमने दूसरी लहर के दौरान चुनौतियों को देखा है। इसलिए लोगों का भयभीत होना स्वाभाविक है। खासकर जब तीसरी लहर के आगमन पर बहुत कुछ बोला गया हो और इसका बच्चों पर प्रभाव होने की पूरी आशंका हो।
स्वाभाविक रूप से, माता-पिता डरे हुए हैं और साथ ही वे अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए तैयार रहना चाहते हैं। यहां तक कि थोड़ी सी ठंड की भी कोरोना के रूप में व्याख्या की जा सकती है। तैयारी की दिशा में पहला कदम सही जानकारी साझा करने से शुरू होता है। यह उस वक्त और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि जब भारत में भी बच्चों के टीकाकरण की घोषणा की जा चुकी है।
इन बातों का रखें ध्यान:
1: बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए पोषण एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए बच्चों के खानपान और पोषण युक्त आहार का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. संक्रमण से बचाने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हेमटिमिनिक्स और विटामिन डी 3, कैल्शियम आदि सहित कई अन्य पूरक प्रदान करें. एक अच्छे और संतुलित आहार को बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। ज्यादा मीठा, नमकीन और जंक फूड बच्चों के लिए नुकसानदेह है। आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें।
2: हमें एक वयस्क के रूप में खुद को और परिवार के सभी बुजुर्ग सदस्यों को स्वयं के टीकाकरण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, ताकि हम इस इन्फ़ेक्शन को परिवार के बच्चों को देने का स्रोत न बनें।
3: मूल्य के एक हिस्से के रूप में हमें दैनिक दिनचर्या में खांसते और छींकते समय मुंह ढकना, हाथों को साफ करना और मास्क पहनना बच्चों को सिखाना चाहिए। ताकि वे इसे बोझ के बजाय जीवन शैली के हिस्से के रूप में चुनें।
4: बच्चों को स्वच्छता अपनाने और बार-बार हाथ धोने, दो गज की दूरी रखने के लिए प्रेरित करें।
5: अपने बच्चे को उम्र के अनुकूल टीके लगवाएं। टीकाकरण को लेकर फालतु की अफवाहों पर ध्यान ना दें।