सितंबर-अक्टूबर के माह मौसम परिवर्तन के होते हैं, जब गर्मी कम हो रही होती है और ठंड का आगमन होता है। इस बदलाव के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस समय विशेष रूप से वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों का प्रकोप अधिक होता है। आइए जानते हैं इस मौसम में होने वाली प्रमुख बीमारियों के बारे में।
डेंगू बुखार
सितंबर और अक्टूबर में इन दिनों डेंगू बुखार फैलने का डर सबसे अधिक रहता है. यह बीमारी मादा एडीज नामक मच्छर के काटने से फैलती है. इस समस्या से पीड़ित मरीजों के ब्लड में प्लेटलेट की संख्या घटने लगती है. डेंगू होने पर आपको तेज बुखार, आंखों में दर्द होना, गर्दन और छाती में दर्द होना, भूख न लगना, उल्टी होना जैसे लक्षण दिखते हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
चिकनगुनिया
इन दिनों चिकनगुनिया फैलने का भी खतरा रहता है. यह बीमारी भी मच्छरों के काटने से फैलती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को 104 डिग्री बुखार आता है. चिकनगुनिया होने पर बुखार के साथ-साथ सर्दी-जुकाम, शरीर में सूजन जैसे लक्षण दिखते हैं. इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
मलेरिया
सितंबर-अक्टूबर का महीना शुरू होते ही लोगों में मलेरिया फैलने का डर काफी ज्यादा रहता है. इस स्थिति से पीड़ित रोगियों को तेज बुखार के साथ-साथ कंपकंपी, सिरदर्द, उल्टी आना, पसीना आना जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा मरीजों को मांसपेशियों में दर्द और दस्त भी हो सकता है.
वायरल फीवर
इस मौसम में लोगों को वायरल फीवर भी काफी ज्यादा होता है. इसके लक्षण लगभग डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे ही होते हैं. इसलिए अधिकतर लोग वायरल फीवर में कंफ्यूज हो जाते हैं. अगर आपको उल्टी, तेज बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश और दर्द जैसा महसूस हो रहा है तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सलाह लें.
आई फ्लू
इंफ्लूएंजा वायरल की वजह से आई फ्लू होने का भी डर सितंबर और अक्टूबर में काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इस समस्या से पीड़ित मरीजों की आंखें काफी लाल नजर आती हैं. इसके अलावा आंखों में दर्द और जलन भी होता है. समय पर उपचार ना लेना आंखों के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है।