अश्वगंधा स्वास्थ्य के लिए वरदान, इन 7 परिस्थितियों में रखें सावधानियां

अश्वगंधा महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है. 3 हजार से अधिक वर्षों से आयुर्वेदिक और स्वदेशी चिकित्सा में इसका उपयोग किया जा रहा है. अश्वगंधा में बहुत से ऐसे गुण हैं जो रोगों को ठीक करने की काबिलियत रखते हैं. सभी जड़ी बूटियों में से अश्वगंधा सबसे अधिक असरदार और कारगर जड़ी बूटी मानी जाती है. इसके अर्क में कई बायोएक्टिव कम्पाउंड होते हैं. इतना ही नहीं एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ्लामेट्री और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण तक होते हैं. पौधे के अर्क और इसके बायोएक्टिव कम्पाउंड का उपयोग गठिया, नपुंसकता, भूलने की बीमारी, चिंता, कैंसर, कमजोरी जैसी कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में किया जाता है. इसमें कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं. यह गुण शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रण करता है, जो हृदय सम्बंधित विकारों दूर रखता है.

अश्वगंधा के फायदे

1. इम्यूनिटी बढाए:

अश्वगंधा शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में कारगर है. जिससे सर्दी-खांसी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है.

2. कैंसर ट्यूमर बनने से रोक :

अश्वगंधा मे एंटी-टयूमर गुण होता है. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने में अश्वगंधा का अहम रोल है. इसमें ऐसे औषधीय गुण हैं जो ट्यूमर को बनने से रोकते हैं और शरीर को कैंसर रोग से बचाने या लड़ने की शक्ति प्रदान करता है.

3. हृदय मजबूत करे:

अश्वगंधा के एंटीऑक्सीडेंट गुण कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं जिससे हृदय स्वस्थ और अच्छा रहता है. हृदय में विकारों की संभावना कम हो जाती है.

4. एकाग्रता बढाए, तनाव मिटाए:

एकाग्रता, लर्निंग, बाइपोलर डिसऑर्डर, स्ट्रेस, एन्ग्जाइटी, डिप्रेशन, नियुरल फंक्शन, मेमोरी प्रॉब्लम, अन्य ब्रैन डिसॉर्डर संबंधित विकारों के इलाज में मददगार. दिमागी परेशानियों से निजात दिलाए.

5. यौवन और दीर्घायु बढाए:

अश्वगंधा शारीरिक क्षमता बढ़ाता है. प्रतिदिन 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करना फायदेमंद है. अश्वगंधा की जड़ को “रसायन” की औषधि माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह यौवन और दीर्घायु को बढ़ाने मददगार है. अश्वगंधा टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करता है और इसके स्तर को प्राकृतिक रूप से बढाता है. अश्वगंधा स्पर्म की क्वालिटी, क्वान्टिटी और मोर्टेलिटी को बढ़ाता है.

6. त्वचा बनाए खूबसूरत:

त्वचा सम्बंधित समस्याओं से निजात दिलाकर त्वचा की रंगत बढ़ाने में अश्वगंधा चमत्कारी औषधि है. यह त्वचा में कोलेजन को बढ़ाता है. जिससे त्वचा में जान आ जाती है और रूखी त्वचा भी नहीं रहती.

7. बालों को मजबूत बनाए:

कमजोर बालों की समस्या को दूर करने में अश्वगंधा बहुत महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है. यह मेलेनिन की हानि से बालों की रक्षा करता है और मजबूत बनाता है. बालों के झड़ने की समस्या कम होती है.

अन्य गुण:-
अश्वगंधा के एंटी-माइक्रोबियल गुण और एंटी-बैक्टेरियल गतिविधियां खतरनाक बैक्टीरिया से बचाते हैं, जिसमें साल्मोनेला-एक बैक्टीरिया शामिल है जो फूड पॉइजनिंग कर सकता है. आंखो की रोशनी के लिये भी काफी फायदेमंद है. टीबी जैसी बीमारी के इलाज का बेहतर प्राकृतिक नुस्खा है.

 

अश्वगंधा के नुकसान
अश्वगंधा वैसे तो फायदेमंद है लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह नुकसानदेह भी हो सकता है. ऐसे में निम्न सावधानियां रखना जरूरी है.

1. बीपी से ग्रस्त लोग अश्वगंधा का सेवन करने से पहले चिकित्सक परामर्श अवश्य लें. खासकर लो बीपी में इसके सेवन से परहेज करें. यह बीपी को लो रखता है.

2. इसके अधिक सेवन करने से पेट में दर्द व डायरियां जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

3. निर्धारित मात्रा से अधिक इस्तेमाल करने पर यह सेहत को नुकसान पहुंचाता है.

4. यदि अश्वगंधा का सही मात्रा में उपयोग न किया जाए तो उल्टी, जी-मिचलाने जैसी समस्याएं बढ़ने की आशंका हो जाती है.

5. जो मधुमेह पीड़ित डायबिटीज गोली का सेवन कर रहे हैं वो इसके सेवन से बचें.

6. गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए. अगर गर्भवती महिलाएं इसका लगातार सेवन करती हैं, तो गर्भपात का खतरा हो सकता है.

7. अश्वगंधा का जरूरत से ज्यादा सेवन बुखार, थकावट, दर्द की भी समस्या पैदा कर सकता है.

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