नकारात्मकता को कहें अलविदा, जानें जीवन में खुशियों के यह 7 राज

जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं कि कई बार ना चाहते हुए भी हम अपनी छोटी सी खुशहाल जिंदगी को बेहद पेचिदा बना लेते हैं. रातों की नींद और दिन का चैन सब कुछ छीन जाता है. कई बार इस खुशहाल जीवन को बर्बाद करने के लिए बाहरी कारक जिम्मेदार होते हैं तो अनेक बार हम स्वयं ही खुद की ​खुशियों को दांव पर लगाने का कारण बन जाते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. लेकिन कई ऐसी आदतें, व्यवहार, सोच, जीवन जीने के तरीकें हैं जो हमारे खुशहाल जीवन की राह को प्रशस्त करते हैं.

वो कहते हैं ना कि खुशी एक ऐसा एहसास है, जिसकी हर किसी को तलाश है और गम एक ऐसा अनुभव है, जो सबके पास है, मगर ज़िन्दगी तो वही जीता है, जिसको खुद पर विश्वास है. खुशी किसी भी बाहरी स्थितियों पर निर्भर नहीं करती, यह हमारे मानसिक दृष्टिकोण पर निर्भर करती है.

आज ही इन 7 प्रमुख बातों का पालन शुरू करें. खुद के जीवन को खुशहाल बनाएं और अपने आसपास का वातावरण भी तरोताजा रखें.

1: दूसरों से तुलना छोड़ दें

खुश रहने का एक सीधा सा मंत्र है कि आप सबसे पहले यह सोचना छोड़ दें कि कौन क्या कर रहा है? कैसे कर रहा है? क्यों कर रहा है? इससे आप जितना दूर रहेंगे अपने मन की शांति के उतना नजदीक रहेंगे. ओवर थिंकिंग को अभी छोड़ दें. अपने जीवन की तुलना किसी ओर से जीवन करना अभी तुरंत बंद कर दें. दूसरों की उन्नति से प्रेरणा लें ना कि ईर्ष्या करें.


2: जल्दबाजी में प्रतिक्रिया ना दें

अपने मन को हमेशा शांत रखें, क्रोध में या जल्दबाजी में कोई प्रतिक्रिया ना दें. और यदि जरूरी हो तभी प्रतिक्रिया दें. पर वो भी तब जब बात को अच्छे से सुन और समझ लें. जल्दबाजी में प्रतिक्रिया देने से बचें. अपनी जुबान से औछे या हल्के बोल से प्रतिक्रिया देने की आदत को आज ही बदल डालें. जो प्रतिक्रिया आप दूसरों से नहीं चाहते, या जो हल्के शब्द आप दूसरों से नहीं सुनना चाहते उन शब्दों को इस्तेमाल बंद कर दें.


3: दूसरों को दोष देना बंद करें

अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देना तुरंत बंद कर दें और जो गलत है उसे स्वीकार करते हुए स्वयं में बदलाव करें. जीवन में खुशी का अर्थ लड़ाइयां लड़ना नहीं, बल्कि उन से बचना है. विवादों, फालतु की बहस से कुशलता पूर्वक पीछे हटना भी अपने आप में एक जीत ही है. यदि आप ऐसा करेंगे यह आपको जीवन में एक नई शुरूआत जैसा महसूस होगा. खुशी का मार्ग प्रशस्त करेगा.


4: आपकी खुशियां आपके ही भीतर मौजूद

जीवन में आप कितने खुश हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आप किन लोगों की वजह से खुश हैं और कितने लोग आपकी वजह से खुश हैं ये महत्वपूर्ण है. ऐसे में सबसे पहले खुद खुश रहना सीखें, ना खुद नकारात्मक बातें और व्यवहार को अपने पर हावी होने दें ना ही नकारात्मक छवि वाले लोगों से नजदिकियां बढाएं. ऐसे दोस्तों, परिजनों के साथ समय बिताएं जहां आपको सकारात्मक महसूस होता हो. लेकिन ध्यान रखें आपकी खुशियों का राज आप ही के भीतर छुपा है इसके लिए दूसरों पर निर्भर ना रहें ना ही दूसरों से इसकी उम्मीद करें.


5: क्रोध का तुरंत त्याग दें

क्रोध त्याग दें. लोगों को सम्मान और खुशियां देना सीखें. वो कहते हैं ना कि जैसा आप दोगे वैसा ही आप प्राप्त करेंगे. ऐसे में आप मुस्कुरा कर प्रतिक्रिया देना सीखें, लोगों को आभार जताने की आदत अपने में डालें, जो ईश्वर ने आपको दिया है उसके लिए हमेशा आभार जताएं, ना कि जो नहीं मिला उसके लिए पूरी जिदंगी ईश्वर, लोगों को या खुद को कोसते रहें. क्रोध आपका सबसे बड़ा दुश्मन है ​इसे जितना जल्दी अलविदा कहेंगे उतना ही जल्दी आप खुशियों के संसार में प्रवेश करेंगे.


6: पर्यावरण से नाता जोड़ें

घर में और घर के आसपास के वातावरण में पेड़ पौधे अवश्यक लगाएं. प्रकृति का यह अनमोल उपहार ना केवल ऑक्सीजन का स्तर आपके आसपास के वातावरण में बढाता है बल्कि आपके मन में सकारात्मक उर्जा का प्रवाह भी करता है. खुद के साथ परिवार को स्वस्थ्य रखने, घर में सुख शांति, समृद्धि लाने घर-आंगन बालकनी में पेड़ पौधे को लगाकर नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक में बदला जा सकता है. इससे वातावरण स्वच्छ तथा सुन्दर रहता है और मन भी खुश रहता है. यानी खुशहाल रहने के लिए प्रकृति से नाता जोड़ें. सुबह और शाम नियमित अच्छे पेड़ पौधों से आच्छादित वातावरण में जरूर अपना समय बिताएं.


7: आलस्य को कहें अलविदा

आलस्य छोंडें, बेहतर समय प्रबंधन करें और नियमित शारीरिक व्यायाम करें. ताकि शारीरिक दुर्बलता या मोटापा, डायबिटीज व रक्तचाप जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां आपको प्रभावित ना कर सकें. अपने जीवन को उन रूचिकर और रचनात्मक कार्यों में लगाएं जो आपको सुकून देते हैं. बस फिर देखिए खुशियों की राह में एक और सकारात्मक मार्ग प्रशस्त होगा.

India Health TV

subscribe now