जैसा की आप जानते हैं हर सांस आपके जीवन के लिए अनमोल है. हर सांस पर ही आपका जीवन टीका है. लेकिन जिस दिन सांस चलना बंद हो गई उस दिन आप अपने जीवन को खो देते हैं. बावजूद इसके लोग इससे जुड़ी अस्थमा नामक बीमारी को बहुत हल्के में लेते हैं. हर सांस कितनी महत्वपूर्ण है और शरीर के लिए जरूरी है इसकी कीमत एक अस्थमा पीड़ित इंसान से पता की जा सकती है. यह एक ऐसी बीमारी है जिस पर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो यह कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है. हालांकि कई ऐसे घरेलू और प्राकृतिक उपचार हैं जो आपको काफी हद तक राहत दे सकते हैं. क्योंकि दमा फेफड़ों की ऐसी बीमारी होती है जिसके कारण व्यक्ति को साँस लेना मुश्किल हो जाता है. फेफड़ों में यह सीधा अटैक करती है. जिससे श्वास नलियों में सूजन होने से श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है. जो काफी तकलीफ देह होता है. साँस लेने में परेशानी, खासी, के साथ सीने में जकड़न और घरघराहट इसमें देखने को मिलती है. ऐसे में कुछ ऐसी सावधानियां हैं जिनके जरिए अस्थमा को बेकाबू होने से रोका जा सकता है.
5 सावधानियां
1. कोशिश करें कि घर से जब भी बाहर निकलना हो या जहां कहीं प्रदूषण और धुआं हो वहां मास्क का प्रयोग करें.
2. सर्दी के मौसम में धुंध, धूल भरे वातावरण, बारिश, तेज ठंड वाले मौसम से बचें, वहीं बारिश में भीे नमी से संक्रमण की आशंका रहती है तो उससे बचें.
3. कोशिश करें कि जहां तक हो सके दीवारों, दरवाजों या जहां कहीं भीे ताजा पेंट हो रहा हो उसकी गंध से दूर रहें. ठीक इसी प्रकाश खुशबुदार सेंट इत्र, डीओ, कीटनाशक स्पे, तेज गंध वाली अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कोइल के धुएं से भी दूरी रखें.
4. जिस घर या आॅफिस में आपका अक्सर दिनभर बैठना होता है वहां डस्ट साफ रखें, कम्प्यूटर, लेपटाॅप या टैबल को इस्तेमाल करने से पहले वहां जमी धूल को साफ करें.
5. शराब और धूम्रपान से परहेत रखें, ज्यादा खट्टी और ठंडी चीजें खाने से बचें.