मन उदास? बच्चों को SAD होने से बचाएं

नए साल के स्वागत में जगमग बाजार और रौनक सड़कें भी दिन छोटे होने से कम हुए सूर्य प्रकाश की भरपाई नहीं कर सकती। ऐसे में मन में उदासी आना स्वाभाविक है,परंतु बहुत से लोगों में यह अवसाद की स्थिति उत्पन्न कर सकती हैं । मौसम के साथ होने वालें अवसाद को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर या SAD कहते हैं। पढ़ाई, टीवी और मोबाइल द्वार घर में कैद बच्चों में इसके लक्षण उत्पन्न होने की संभावना अधिक है।

SAD के लक्षण क्या हैं?

एसएडी के लक्षण मेजर अवसाद के समान होते हैं, लेकिन वे साल के एक विशिष्ट समय पर होते हैं। आम लक्षणों में शामिल हैं:

1. उदास, खाली या निराश महसूस करना: एसएडी वाले लोग अक्सर ऊर्जा, प्रेरणा और गतिविधियों में रुचि की कमी महसूस करते हैं।
2. भूख और नींद में बदलाव: एसएडी बढ़ी हुई भूख, वजन बढ़ने और अत्यधिक नींद या अनिद्रा का कारण बन सकता है।
3. थकान: एसएडी वाले लोग थकान, सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस कर सकते हैं।
4. एकाग्रता में कठिनाई: एसएडी संज्ञानात्मक कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करना, निर्णय लेना और चीजों को याद रखना मुश्किल हो जाता है।
5. सामाजिक वापसी: एसएडी वाले लोग सामाजिक संपर्क से बच सकते हैं, दूसरों के साथ असहज या चिंतित महसूस करते हैं।

SAD का कारण क्या है?

बहुत से वैज्ञानिक शोध में सूर्य प्रकाश और मानव में सेरोटोनिन हार्मोन के मध्य संबंध स्पष्ट हुए हैं। विटामिन डी की कमी भी इसके लक्षणों में तीव्रता आती है। यह भी तथ्य है कि अधिकांश सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के मामलों में लक्षण सर्दी में प्रकट होते हैं परंतु फिर भी इसके संपूर्ण कारण पर अधिक शोध आवश्यक है। एसएडी के सटीक कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, लेकिन कई कारक इसके विकास में योगदान करने के लिए सोचे जाते हैं:

1. धूप की कमी: सर्दी के महीनों में कम धूप शरीर की आंतरिक घड़ी को बाधित कर सकती है और अवसाद की भावनाओं को बढ़ा सकती है।
2. सर्केडियन लय: सर्दी के दिनों में छोटे दिन और लंबी रातें शरीर की प्राकृतिक सर्केडियन लय को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे थकान और सुस्ती की भावनाएं हो सकती हैं।
3. सेरोटोनिन का स्तर: अवसाद के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के निम्न स्तर एसएडी में योगदान कर सकते हैं।
4. मेलाटोनिन का स्तर: नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के बढ़े हुए स्तर एसएडी में योगदान कर सकते हैं।
5. आनुवंशिकी: एसएडी या अन्य अवसाद के पारिवारिक इतिहास वाले लोग एसएडी विकसित करने की अधिक संभावना रखते हैं।

SAD का निदान और उपचार कैसे किया जाता है?

एसएडी का निदान करने के लिए, एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षा करेगा, लक्षणों के बारे में पूछेगा और निदान मानदंड का उपयोग करेगा, जैसे-

1. नियमित व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
2. स्वस्थ आहार लें: स्वस्थ आहार लेने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
3. पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त नींद लेने से शरीर और मन को आराम मिलता है और अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
4. सामाजिक संपर्क बनाए रखें: सामाजिक संपर्क बनाए रखने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
5. तनाव प्रबंधन करें: तनाव प्रबंधन करने से अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
6. धूप में बैठें: धूप में बैठने से शरीर को विटामिन डी मिलता है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
7. मनोरंजन करें: मनोरंजन करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
8. स्वास्थ्य जांच कराएं: नियमित स्वास्थ्य जांच कराने से अवसाद के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है और समय पर उपचार किया जा सकता है।
9. मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लें: मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लेने से अवसाद के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है और समय पर उपचार किया जा सकता है।
10. आत्म-देखभाल करें: आत्म-देखभाल करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

इन टिप्स को अपनाकर आप मौसमी अवसाद (एसएडी) से बचाव कर सकते हैं और अपने मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।

: ऋचा भारद्वाज

India Health TV

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