आपकी उम्र चाहे जो भी हो, आपको विटामिन डी (Vitamin D) की आवश्यकता हर उम्र में होती है. विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए बेहद ही जरुरी और फायदेमंद विटामिन है. इतना ही नहीं यह कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में मददगार है. यदि शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए तो दिल से जुड़े रोग भी हमारे शरीर में जन्म ले सकते हैं. इसकी कमी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकती है.
यह बडी ही आसानी से सूरज की रोशनी से प्राप्त होने वाला विटामिन है लेकिन आज की भागदौड भरी जीवनशैली में कई लोग विटामिन की कमी का शिकार हैं. हमारी यह धारणा कि हम यदि धूप में निकलेंगे तो काले हो जाएंगे, सौंदर्य के प्रति इसी चिंता ने स्वास्थ्य को सर्वाधिक प्रभावित किया है. विटामिन डी वैसे तो हमारे शरीर को कई रोगों से निजात दिलाने में मदद करता है लेकिन जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो यह व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. वैसे तो विटामिन डी की कमी का घरेलू उपाय ही काफी है लेकिन ज्यादा कमी होने पर सीधे चिकित्सक की सलाह लें. ज्यादा कमी होने पर बाजार में उपलब्ध दवाइयां तुरंत रिलीफ में मददगार हो सकती हैं.
ऐसे में यह जान लेना बेहद जरुरी है कि आखिर विटामिन डी की कमी के लक्षण क्या हैं. इसकी कमी से कौन से रोग होते हैं. और इसकी कमी को दूर कैसे किया जा सकता है.
यह वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह है जिसके विटामिन डी2 (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन डी3 (या कोलेकेलसीफेरोल) दो प्रमुख रुप हैं. त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है. विटामिन डी की मदद से हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है. विटामिन डी कैंसर, क्षय, अवसाद जैसे रोगों से बचाव में काफी अहम है. यह शरीर की टी-कोशिकाओं की क्रियाविधि में वृद्धि करता है, जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं. जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. टी-कोशिकाएं यदि सक्रिय करनी हों तो उसके लिए आपके शरीर में पर्याप्त विटामिन डी होना जरुरी है, वरना वो अपना कार्य निष्पादन नहीं कर पातीं.
मोटापा बढ़ना, उदासी और तनाव, बिना शारीरिक श्रम के पसीना आना, हड्डियों में दर्द की समस्या, इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होना, मौसम के बदलाव के दौरान सक्रिय रहने वाले वायरसों की चपेट में जल्द आ जाना, शरीर में एनर्जी लेवल कम हो जाना, सारा दिन थकावट महसूस होना, किसी काम में मन नहीं लगना यह कुछ ऐसे लक्षण हैं जो विटामिन डी की कमी की ओर इशारा करते हैं. इतना ही नहीं इसकी कमी से आप समय से पहले ही बुजुर्ग से दिखने लगते हैं. चेहरे और हाथों में झुर्रियां नजर आने लगती हैं. ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, पाचन संबंधी परेशानियां सामने आने लगती हैं, मसूड़ों संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं. हुत अधिक बालों का झड़ना भी विटामिन डी की कमी से जुड़ा हो सकता है. अगर आपके घावों को ठीक होने में बहुत समय लगता है, बालों के झडने की समस्या हो रही है तो यह भी विटामिन डी की कमी का कारण हो सकता है.
1- सबसे पहले आप तले वसायुक्त आहार के साथ ज्यादा शक्कर वाले खाद्य पदार्थो से दूरी बना लें, बाजार में मिलने वाले शीतल पेय और जंक फूड को गुड बाय बोल दें. तुरंत कैफीन का प्रयोग सीमित कर दें क्योंकि कैफीन विटामिन डी के अवशोषण में बडी बाधा है.
2- सूरज की रोशनी विटामिन डी की कमी को दूर करने का सबसे अच्छा स्रोत है. इसके लिए कोशिश करें की एकदम सुबह की धूप को शरीर पर लें.
3- शाकाहारी लोगों के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स से विटामिन डी की कमी दूर करने का सबसे अच्छा जरिया हैं. दूध, पनीर, दही, मक्खन, छाछ का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. दूध की मलाई ना निकालें तो और फायदेमंद होगा.
4- यदि आप मांसाहारी हैं तो सॉल्मन और टुना फिश का सेवन कर विटामिन डी की कमी पूरी कर सकते हैं. अंडे को डाइट में शामिल करके भी इसे दूर किया जा सकता है.
5- कॉड लिवर में विटामिन डी भरपूर मात्रा होता है. इससे हड्डियों की कमजोरी दूर होती है. शरीर में स्फूर्ति रहती है.
6- गाजर और सोया उत्पाद अपनी डाइट में शामिल करें. सोया दूध का सेवन भी विटामिन डी की कमी को दूर करता है.
7- मशरुम और मखाने को जीवनशैली का हिस्सा बनाएं यह विटामिन डी का अच्छा स्त्रोत है.