मंकीपॉक्स: लक्षण, बचाव और उपचार

मंकीपॉक्स (Monkeypox) एक दुर्लभ वायरल बीमारी है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस (Orthopoxvirus) के संक्रमण से होती है। इसका संबंध चेचक (Smallpox) से है, लेकिन यह कम गंभीर है। 1958 में पहली बार यह बीमारी तब सामने आई थी, जब अनुसंधान के दौरान बंदरों में इस वायरस की पहचान की गई थी, इसीलिए इसका नाम “मंकीपॉक्स” रखा गया। हालांकि, यह रोग जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जिसमें बंदर, गिलहरी, और अन्य छोटे स्तनधारी शामिल हैं। मंकीपॉक्स मुख्यतः मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के ग्रामीण क्षेत्रों में फैलता है, लेकिन हाल ही में यह दुनिया के अन्य हिस्सों में भी देखा गया है।

मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 5 से 21 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं, जिन्हें इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है। इसके लक्षण चेचक से मिलते-जुलते हैं, लेकिन आमतौर पर कम गंभीर होते हैं। इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

बुखार: मंकीपॉक्स संक्रमण का प्रारंभिक लक्षण बुखार होता है, जो अक्सर अचानक आता है।
सिरदर्द: तेज सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
मांसपेशियों और पीठ में दर्द: मांसपेशियों और पीठ में गंभीर दर्द होता है।
थकान: अत्यधिक कमजोरी और थकान महसूस होती है।
लसीका ग्रंथियों की सूजन (Lymphadenopathy): यह एक खास लक्षण है, जिसमें शरीर की लसीका ग्रंथियां (Lymph Nodes) सूज जाती हैं, जो आमतौर पर चेचक में नहीं होती।
चकत्ते और त्वचा के घाव: बुखार के 1 से 3 दिनों के बाद शरीर पर चकत्ते और घाव दिखाई देने लगते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैल सकते हैं। ये घाव विभिन्न चरणों से गुजरते हैं—शुरुआत में लाल धब्बे, फिर छाले, पपड़ी, और अंत में घाव भर जाते हैं।
सांस की समस्याएं: कभी-कभी खांसी और गले में खराश भी हो सकती है।
यह बीमारी 2 से 4 सप्ताह तक चल सकती है, और अधिकांश लोग इस संक्रमण से ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह खतरनाक हो सकती है।

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
संक्रमित जानवरों से संपर्क: संक्रमित जानवरों के काटने, उनके खून, शारीरिक तरल पदार्थ, या उनके मांस के सेवन से यह संक्रमण फैल सकता है।
मानव-से-मानव संक्रमण: संक्रमित व्यक्ति के घाव, शारीरिक तरल पदार्थ, या सांस से निकले कणों के संपर्क में आने से संक्रमण फैल सकता है।
संक्रमित वस्तुओं का उपयोग: संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई वस्तुएं, जैसे बिस्तर, कपड़े, और तौलिया से भी यह वायरस फैल सकता है।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय
व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें: बार-बार हाथ धोएं, खासकर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद। हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।
संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें: मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। यदि किसी को संक्रमण का शक हो, तो उसे अलग रखें और आवश्यक सुरक्षा उपाय करें।
जानवरों से संपर्क से बचें: संक्रमित या बीमार जानवरों से दूर रहें, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां मंकीपॉक्स का प्रकोप होता है।
सुरक्षित भोजन का सेवन करें: जंगली जानवरों के मांस का सेवन करने से बचें, और यदि करना पड़े, तो उसे अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
टीकाकरण: चेचक के टीके को मंकीपॉक्स से बचाव में प्रभावी माना जाता है। जिन लोगों को चेचक का टीका लगा होता है, उनमें मंकीपॉक्स का खतरा कम होता है।

मंकीपॉक्स का उपचार
मंकीपॉक्स के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन चेचक के लिए विकसित दवाएं और टीके मंकीपॉक्स के इलाज और प्रबंधन में प्रभावी हो सकते हैं। उपचार मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है:

लक्षणों का इलाज: बुखार, दर्द और सूजन को कम करने के लिए बुखार नाशक और दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
संक्रमण की निगरानी: गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता हो सकती है, खासकर तब, जब संक्रमण त्वचा से अधिक गहरा हो और श्वसन तंत्र प्रभावित हो।
एंटीवायरल दवाएं: कुछ मामलों में एंटीवायरल दवाएं दी जा सकती हैं, लेकिन यह निर्णय डॉक्टर पर निर्भर करेगा।

निष्कर्ष
मंकीपॉक्स एक गंभीर लेकिन दुर्लभ बीमारी है, जिससे बचने के लिए सावधानी और स्वच्छता का पालन करना जरूरी है। इस वायरस से जुड़ी जानकारी और सतर्कता से हम इसके संक्रमण को नियंत्रित कर सकते हैं।

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