आपका लिवर या यकृत आपके शरीर की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में काम करता है. शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में लिवर ही हमारे शरीर के लिए जरूरी फैट्स, प्रोटीन आदि के निर्माण की प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाता है. लिवर ही हमारे शरीर को ईंधन यानी ग्लूकोज से बनने वाले ग्लाईकोजेन देता है. यह शरीर के भंडारण, सफाई और संश्लेषण जैसे तीन बेहद महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल है. एक स्वस्थ लिवर पाचन शक्ति मजबूत रखने, शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अशुद्धियों को निकालने, रक्त के थक्के को नियंत्रित करने के साथ रक्त से विषाणु को हटाने और हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में काफी अहम है.
ऐसे में लिवर की अनदेखी किसी भी सूरत में नहीं की जा सकती. यदि लिवर कमजोर होगा तो शरीर की कार्य क्षमता पर तुरंत ही इसका असर दिखने लग जाएगा. पीलिया या जॉन्डिस जैसी गंभीर बीमारियां शरीर को घेर लेंगी. इससे त्वचा और आंखों के सफेद भाग का रंग पीला हो जाता है. क्योंकि जब लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता है तो यह रक्त में एंजाइम छोड़ता है. इसी समय शरीर को स्वस्थ रखने के लिए लिवर द्वारा बनाए जा रहे प्रोटीन का स्तर गिरना शुरू हो जाता है. समय पर ध्यान ना दिया जाए तो यह लिवर कैंसर का भी कारण बन सकता है. खराब लिवर मूत्र संबंधी रोग का कारण भी बनता है. ऐसे में रोजाना के खान-पान में लिवर की सेहत का ध्यान रखना भी बेहद आवश्यक है.
कब जरूरी है एलएफटी?
यदि आप कमजोरी, मतली, उल्टी, पीलिया, दस्त, पेट दर्द, वजन कम होने जैसे लक्षणों को महसूस कर रहें हैं तो यह आपके लिवर की सेहत बिगड़ने के संकेत हो सकते हैं. ऐसे में चिकित्सक आपको एलएफटी की सलाह दे सकते हैं.
लिवर फंक्शन टेस्ट से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस ए व बी, लिवर इंफेक्शन, डायबिटीज, मोटापा, फैटी लिवर, हार्ट की समस्या से जुड़ी बीमारी का पता लगाया जाता है. शराब या फिर नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए भी एलएफटी करवाना महत्वपूर्ण है.
एलएफटी बताता है लिवर की सेहत आपके रक्त में प्रोटीन या एंजाइम के स्तर का पता लगाकर लिवर की सूजन या किसी अन्य तरह की क्षति की पहचान करने में लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) काफी मददगार है. यह रक्त परीक्षण का एक हिस्सा है, जो यह बताता है कि आपका लिवर या यकृत कितना स्वस्थ है. एलएफटी के प्रमुख प्रकारों में एलेनिन ट्रांसमिनेज़ परीक्षण, एल्बुमिन परीक्षण, बिलीरुबिन परीक्षण शामिल है.
एलेनिन ट्रांसमिनेज़ परीक्षण परीक्षण शरीर में एएलटी के स्तरों को निर्धारित करने के लिए होता है. यदि शरीर में एएलटी का स्तर उच्च है तो यह यकृत क्षति का संकेत है.
एल्ब्यूमिन परीक्षण के जरिए शरीर में एल्ब्यूमिन के स्तर को मापकर लिवर के कामकाज के स्तर को जाना जाता है. एल्ब्यूमिन लिवर द्वारा निर्मित मुख्य प्रोटीन है और इसका निम्न स्तर होना यह बताता है कि आपका लिवर सही तरह से काम नहीं कर रहा है.
बिलीरुबिन एक अपशिष्ट उत्पाद है जो लिवर द्वारा शरीर से बाहर निकालने का काम किया जाता है. बिलीरुबिन परीक्षण द्वारा बिलीरुबिन के स्तर को मापा जाता है. शरीर में रक्तपदार्थ के उच्च स्तर की उपस्थिति का मतलब है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा.
इनके अलावा भी दो अन्य एलएफटी, एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेस (एएसटी) और अल्कलीन फॉस्फेटस (एएलपी) परीक्षण होते हैं जो लिवर के स्वास्थ्य के स्तर को मापने के लिए किए जाते हैं.
ध्यान रखें
शराब का सेवन करने वालों को और 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को साल में कम से कम एक बार लिवर फंक्शन टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. 20 से 40 की उम्र के लोगों को तीन साल में एक बार, तो 40 से 50 की उम्र के लोगों को दो साल एक बार में एलएफटी की सलाह दी जाती है.