एनीमिया वैसे तो पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही एक बड़ी समस्या है. लेकिन महिलाओं के लिए एनीमिया एक चिंतनीय समस्या है. इसके पीछे का प्रमुख कारण है पोष्टिक खानपान की कमी और हर माह मासिक धर्म में महिलाओं का ब्लड शरीर से बाहर निकलना. जिन महिलाओं में पीरियड्स लंबे चलते हैं और भारी ब्लीडिंग होती है उनमें खतरा और बढ जाता है. यह एक तरह की बीमारी है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी का कारण होती है. शरीर में इससे आयरन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबीन बनना कम होने लगता है, जो घातक है.
एनीमिया में शरीर में रेड ब्लड सेल्स के नष्ट होने की दर अधिक हो जाती है और निर्माण होने की दर कम होने लगती है. जो शरीर में खून की कमी को जन्म देता है. किशोरियों और महिलाओं को पीरियड्स के चलते इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. वरना अन्य बीमारियों का खतरा भी बढने लगता है. गर्भावस्था के वक्त एनीमिया गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी घातक है. पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तो महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना आवश्यक है.
अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों से हुआ हो तो तुरंत चिकित्सकीय इलाज आवश्यक है.
महिलाओं में एनीमिया के लक्ष्ण
1. अक्सर शरीर में दिनभर थकान महसूस होना
2. आंखे पीली पड़ना और त्वचा का रंग सफेद और त्वचा रुखी हो जाना
3. दिल की धड़कनों का असामान्य तौर पर बढ़ना, सांस लेने में तकलीफ
4. शरीर में सूजन, खासकर चेहरे और पैरों पर सूजन आना
5. जीभ और नाखूनों का रंग सफेद होना
6. लेटकर उठते वक्त या बैठकर उठते वक्त चक्कर आना
7. कभी-कभी खून की अति कमी से बेहोशी आना
बचाव के 7 उपाय
1. आयरन से भरपुर भोजन लें. आंवला, संतरा, मौसमी का सेवन करें
2. गाजर, चुकंदर, शकरकंद, हरी सब्जियां, सेब, केला, काले चने, गुड़ खाएं
3. जल्दी जल्दी गर्भधारण से बचें
4. भोजन के बाद या जरूरत से ज्यादा चाय काफी पीने से बचें
5. खाना लोहे की कढ़ाही में ही पकाएं, सूर्य की रोशनी में अवश्य बैठें
6. भिगी मूंगफली के अलावा इसका मक्खन खाने में इस्तेमाल करें
7. चिकित्सकीय सलाह से आयरन, विटामिन-B, विटामीन-C, फॉलिक एसिड की दवा लें