स्पॉन्टेनियस कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन (SCAD) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर हृदय रोग है, जिसमें कोरोनरी आर्टरी (हृदय की धमनियों) की दीवार में अचानक से चीरा लग जाता है या टूटन (डिसेक्शन) हो जाती है। इससे रक्त वाहिका के भीतर रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है, जिससे हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
कारण:
SCAD के सटीक कारण पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक इसके विकास में योगदान दे सकते हैं:
हार्मोनल परिवर्तन: विशेष रूप से गर्भावस्था या प्रसव के बाद हार्मोनल असंतुलन।
अत्यधिक शारीरिक या मानसिक तनाव: उच्च तनाव वाले शारीरिक कार्य या भावनात्मक तनाव।
वैस्कुलर डिजीज या संवहनी बीमारियां: इसमें ब्लड वेसल्स की कमजोर दीवारें होती हैं, जो इस रोग का कारण बनती हैं।
अनुवांशिकता: कुछ मामलों में यह आनुवांशिक कारकों से जुड़ा हो सकता है।
लक्षण:
SCAD के लक्षण सामान्यतः हार्ट अटैक से मिलते-जुलते हैं, जैसे:
सीने में तेज दर्द या दबाव
सांस लेने में कठिनाई
शरीर के ऊपरी हिस्से (बांहों, गर्दन, जबड़े) में दर्द
मतली या चक्कर आना
अत्यधिक पसीना आना
उपचार:
SCAD का उपचार मरीज की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है:
दवाएं: रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए रक्त पतला करने वाली दवाएं, जैसे एस्पिरिन, दी जाती हैं।
एंजियोप्लास्टी: गंभीर मामलों में कोरोनरी धमनियों को खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी की जा सकती है।
सर्जरी: बहुत गंभीर मामलों में कोरोनरी बाईपास सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
निगरानी: कई मामूली SCAD मामलों में कोई सर्जिकल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होती। इन्हें दवाओं और नियमित निगरानी से प्रबंधित किया जाता है। SCAD से उबरने के बाद भी लंबी अवधि तक हृदय स्वास्थ्य की निगरानी जरूरी है।
– डॉ. जी. एल. शर्मा, वरिष्ठ ह्रदय रोग विशेषज्ञ