सर्दियों में लापरवाही बना सकती है ब्रेन हेमरेज का शिकार, जानें लक्ष्ण और बचाव के तरीके

सर्दियों में सेहत का ख़ास ध्यान रखने की जरूरत होती है। बाकी मौसमों की तुलना में बीमारियां होने का खतरा इस मौसम में अधिक होता है। सर्दी बुखार, दिल की बीमारियों के साथ-साथ ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बढ़ जाता है। ब्रेन हेमरेज एक प्रकार की आपातकालीन स्थिति है, जिसमें दिमाग के अंदर खून की नसें फट जाती हैं और रक्तस्राव होता है। अचानक बहुत तेज सिरदर्द होना, उल्टी आना इस बेहोशी छाना व मिर्गी का दौरा आना, ये सभी ब्रेन हेमरेज के प्राथमिक लक्षण हो सकते हैं। ब्रेन हेमरेज की स्थिति में दिमाग में धमनी फटने से आस-पास के ऊतकों में रक्तस्राव होने लगता है जो दिमाग की कोशिकाओं और तंत्रिकाओं को नष्ट कर देता है। ब्रेन हेमरेज से रोगी लकवाग्रस्त हो सकता है और उसकी जान भी जा सकती है। ब्रेन हेमरेज स्ट्रोक से अलग नहीं है, बल्कि उसी का एक प्रकार है।

सर्दियों में ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा लगभग दोगुनी हो जाती है। इसके पीछे का कारण यह है कि सर्दियों में रक्त गाढ़ा हो जाता है। रक्तचाप भी सामान्य स्तर से बढ़ जाता है। सर्दियों में खून की नसों में भी संकुचन हो जाता है, जिस कारण रक्त का प्रवाह बढ़ने से नस फटने से ब्रेन हेमरेज होता है। बीपी के मरीजों को इस मौसम में विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि अनियंत्रित रक्तचाप से उन्हें ब्रेन हेमरेज होने का खतरा अधिक हो जाता है।

 

तुरंंत इलाज जरूरी


यदि उपरोक्त लक्षण 24 घंटे से अधिक समय तक बने रहें तो ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करना चाहिए, जहां तुरंत सीटी स्कैन की व्यवस्था हो।

 

ध्यान रखें


● रक्तचाप (बीपी) की दवाइयां समय पर न लेना ब्रेन हेमरेज का आम कारण है।
● उच्च रक्तचाप जो लम्बे समय से रक्त वाहिका की दीवारों को कमजोर कर देता है जो मस्तिष्क के रक्तस्त्राव का एक प्रमुख कारण है।
● अनूरिज़्म, एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिका में एक गुब्बारे के सामान सूजन हो जाती है जिसे एक क्लिप के द्वारा रोका जाता है। इसके फटने पर जान जाने की 100 प्रतिशत सम्भावना होती है।
● रक्त वाहिकाओं में असमानताएं भी ब्रेन हेमरेज का कारण बनती हैं।


यह हो सकते हैं लक्षण


1. बेहोशी आना
2. सिर में तेज दर्द के साथ उलटी और चक्कर आना
3. सुस्ती महसूस होना
4. बोलने और समझने में परेशानी होना
5. सुन्नपन या कमजोरी महसूस होना
6. हाथ-पैर का संतुलन बिगड़ना
7. आँखों से धुंधला या डबल दिखना
8. चाल में लडख़ड़ाहट
9. निगलने में परेशानी
10. आवाज़ में तुतलाहट या बंद होना

 

सावधानी ही बचाव


● बुजुर्ग, हाई बीपी, डायबिटीज और हार्ट के मरीज एहतियात बरतें
● ब्लड प्रेशर नियमित चेक कराएं
● बी पी की दवाइयां समय पर लेते रहें
● कॉलेस्ट्रोल व बीपी नियंत्रित रखें
● अचानक बिस्तर से न उठें
● ठंड में बहुत जरूरी होने पर अच्छी तरह गर्म कपड़े पहन कर ही बाहर जाएं
● धूप में समय व्यतीत करें
● शरीर गर्म रखने के लिए नियमित व्यायाम करें
● भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें
● समय समय पर डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें

: डॉ. केके बंसल, सीनियर न्यूरोसर्जन

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